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Kangana Ranaut : किसानों पर कंगना का बयान कांग्रेस के लिए बना हथियार ! BJP ने किया किनारा

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Kangana Ranaut Controversy Statement: बॉलीवुड अभिनेत्री व हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत के कृषि बिल पर दिए गए बयान पर विवाद बढ़ गया है। कंगना के बयान के बाद कांग्रेस समेत कई दलों ने इस पर सवाल उठाए हैं। हालांकि भाजपा ने तुरंत इससे दूरी बना ली, लेकिन हरियाणा चुनाव में कांग्रेस ने इसे हथियार के तौर पर भुना लिया है।

दरअसल, कंगना रनौत ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की वकालत की है, जिन्हें किसानों के भारी विरोध के बाद केंद्र ने वापस ले लिया था। कंगना का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हरियाणा विधानसभा चुनाव हैं। कंगना का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया जिस पर अभ राजनीतिक हलचल बढ़ गई। हालांकि भाजपा ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया है। भाजपा ने कहा है कि यह कंगना की निजी राय हो सकती है।

भाजपा ने कंगना के बयान से किया किनारा

भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने ‘एक्स’ पर कहा, “केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए कृषि बिलों पर बीजेपी सांसद कंगना रनौत का बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह बयान उनका निजी बयान है। रनौत भाजपा की ओर से इस तरह का बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं और यह कृषि बिलों पर भाजपा की सोच को नहीं दर्शाता है।”

कंगना के बयान पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, ” यह कंगना रनौत के निजी बयान है, यह उनकी निजी सोच है। यह पार्टी की राय नहीं है।” भाजपा ने स्पष्ट किया कि कंगना का बयान उनकी पार्टी की सोच को नहीं दर्शाता है।

कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना

भाजपा ने कंगाना के बयान पर सफाई तो दी है, लेकिन कांग्रेस अब इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश जुट गई है। कांग्रेस ने इस बयान को लेकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा। कंगना के बयान पर दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव ने सवाल उठाते हुए कहा, “यह सोचने वाली बात है कि कंगना रनौत को कौन बढ़ावा दे रहा है? पार्टी उन्हें रोक क्यों नहीं रही है?” कांग्रेस ने इस बयान को किसानों का अपमान बताया और भाजपा पर चुप रहने का आरोप लगाया।

इतना ही नहीं कांग्रेस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर कंगना के बयान को शेयर करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा एक बार फिर इन कानूनों को लागू करने की कोशिश कर रही है। किसानों के समर्थन में खड़ी कांग्रेस ने कहा कि अब ये ‘काले कानून’ कभी वापस नहीं होंगे। कांग्रेस ने किसानों के संघर्ष की सराहना की और भाजपा पर निशाना साधा।

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विवाद बढ़ता देख कंगना बोलीं- ‘ यह मेरे निजी विचार ‘

कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मेरे विचार पूरी तरह से निजी हैं और वे भाजपा की आधिकारिक राय को नहीं दर्शाते हैं।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह उनकी निजी सोच है और पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। कंगना ने भाजपा नेता गौरव भाटिया के बयान को रीपोस्ट कर अपने विचार साझा किए।

बता दें कि तीन कानून – किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम; किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम; और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम – नवंबर 2021 में निरस्त कर दिए गए। किसानों का विरोध नवंबर 2020 के अंत में शुरू हुआ और संसद द्वारा तीनों कानूनों को निरस्त करने के बाद समाप्त हुआ। ये कानून जून 2020 में लागू हुए और नवंबर 2021 में निरस्त कर दिए गए।

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