भोपाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुरु नानक जयंती के अवसर पर कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा किए जाने पर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश कांग्रेस सरकार ने इसे अहंकारी सरकार का झुकना बताया है, वहीं प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि हम किसानों को समझा नहीं सके, इसलिए प्रधानमंत्री जी ने क्षमता मांगते हुए कानून वापस लिए हैं।
मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कृषि कानूनों की वापसी पर कहा कि हम किसानों को समझाने में सफल नहीं हुए, इसलिए पीएम ने क्षमा मांगते हुए इन्हें वापस लिया है, ताकि हमारे किसान भाई संतुष्ट रहें। कमल पटेल ने कहा कि कृषि कानून किसानों के हित में थे। बड़े पैमाने पर किसानों ने इसका समर्थन किया था। पंजाब, हरियाणा और यूपी के किसानों को किसान संगठनों ने भड़काया। साथ ही लगातार आंदोलन करते रहे। हमने पीएम के नेतृत्व में किसानों को समझाने की लाख कोशिश की। हम उन्हें नहीं समझा पाए। इसलिए प्रधानमंत्री ने सबका साथ और सबका विकास की बात करते हुए कृषि कानूनों को वापस लिया है।
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वहीं दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि यह किसानों के कड़े संघर्ष की जीत है, जिसने एक अहंकारी व जिद्दी सरकार को झुका दिया। जिन किसानों को बीजेपी के लोग इन कृषि कानूनों के विरोध करने के कारण कभी कांग्रेस समर्थक, कभी देशद्रोही, दलाल और आतंकवादी तक कहते थे, यह उन लोगों की हार है। कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा- जनता यदि इसी प्रकार भाजपा को चुनावों में सबक सिखाती रही तो उसकी इसी प्रकार जीत होती रहेगी। अब मोदी सरकार को इन कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के दौरान देश भर में किसानों पर दर्ज मुकदमे भी वापस लेना चाहिए।
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