धनबाद: धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में सीबीआई की टीम ने शनिवार को रणधीर वर्मा चौक स्थित घटनास्थल का निरीक्षण किया। घटनास्थल का जायजा लेते हुए सीबीआई की सीएफएसएल टीम ने अपने स्तर से सबूत इकट्ठा किए। वहीं, क्राइम सीन रिक्रिएट किया कि वास्तव में उस दिन क्या घटा होगा। घटना के दिन जज को धक्का मारने के वक्त ऑटो की गति क्या रही होगी। जांच के दौरान चौक के पास खड़ी सभी गाड़ियों को सीबीआई के निर्देश पर स्थानीय पुलिस ने हटाया। इधर, जज को ऑटो से टक्कर मारने के आरोपी लखन कुमार वर्मा और राहुल कुमार वर्मा को पांच दिन की रिमांड पर सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया गया है।
इस संबंध में सीबीआई के स्पेशल क्राइम सेल के एएसपी और केस के जांच अधिकारी विजय कुमार शुक्ला ने सीजेएम अर्जुन साव की कोर्ट में आवेदन दिया था। साथ ही कोर्ट ने जिला प्रशासन को दोनों आरोपियों को 12 अगस्त को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। झारखंड सरकार की अनुशंसा और हाईकोर्ट के निर्देश पर दिल्ली CBI की स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 ने मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी का आधार 28 जुलाई को एडीजे की पत्नी कृति सिन्हा के फर्दबयान पर धनबाद सदर थाने में दर्ज प्राथमिकी को बनाया गया है।
पुलिस ने हत्या की धारा में ही अज्ञात ऑटो चालक को आरोपित किया था। लिहाजा सीबीआई ने भी अपनी प्राथमिकी में ऑटो चालकों लखन वर्मा और राहुल वर्मा को अज्ञात मानकर हत्या की धारा-302 में आरोपी बनाया है। जांच टीम में बायोलॉजी, डीएनए प्रोफाइलिंग, फिंगर प्रिंट्स, फॉरेंसिक साइकोलॉजी और सेरोलॉजी विंग के एक्सपर्ट भी शामिल किए गए हैं।
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अब तक क्या हुआ
- 28 जुलाई को धनबाद में मॉर्निंग वॉक के दौरान एक ऑटो के टक्कर से जज उत्तम आनंद की मौत हो गई थी।
- 28 जुलाई गिरिडीह और धनबाद से आरोपी गिरफ्तार
- 29 मामला हाईकोर्ट पहुंचा, कोर्ट ने लगायी फटकार
- 29 जुलाई एडीजी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एसआइटी गठित
- 29 सीसीटीवी फुटेज में जान बूझकर टक्कर मारने का मिला सबूत
- 30 जुलाई सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी और सीएस से मांगी रिपोर्ट
- 31 जुलाई मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सीबीआई जांच की अनुशंसा की
- 04 अगस्त सीबीआई ने जांच शुरू की
- 05 अगस्त अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सह सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिखा अग्रवाल की अदालत में आवेदन दायर कर जेल में बंद ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा को पांच दिनों पर रिमांड पर देने की मांग की। अदालत ने दोनों को पांच दिनों के रिमांड पर देने की अनुमति दे दी।