Monday, January 20, 2025
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Joshimath Landslide: लगातार जोशीमठ की स्थिति हो रही गम्भीर, अब मंदिर हुआ धराशायी, दहशत लोग

चमोलीः ऐतिहासिक जोशीमठ शहर भू धंसाव (Joshimath Landslide) के चलते खतरे के मुहाने पर खड़ा होगया है। यहां दरारें इतनी बड़ी हो गयी है जो किसी बड़ी अनहोनी की आहट दे रही है। अब ये दरारें आपदा का रूप ले रही हैं। क्योंकि, जमीन पर पड़ी इन बड़ी- बड़ी दरारों में अगर बारिश का पानी भरा तो बड़ी तबाही से इनकार नहीं किया जा सकता है। जोशीमठ में भू धंसाव अब विकराल हो चुका है। यहां कई घर गिरने की कगार पर पहुंच गए हैं। जबकि, कई टूट भी चुके हैं। आज एक मंदिर भी ढह गया है।अच्छी बात ये रही कि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई है। खौफजदा और डरे हुए कई लोग अपने घर छोड़ चुके हैं। वहीं, प्रशासन की ओर से लोगों को नगरपालिका भवन, गुरुद्वारे और स्कूल में शिफ्ट किया जा रहा है।

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जोशीमठ (Joshimath Landslide) के सुनील वार्ड, मनोहर बाग वार्ड, गांधी वार्ड के कई मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आई हैं। साथ ही मारवाड़ी स्थित जेपी कंपनी की आवासीय कॉलोनी भी खतरे की जद में आ चुकी है। जेपी कंपनी की दीवार से पानी रिस रहा है। अगर थोड़ी सी भी बारिश हुई तो जमीन पर पड़ी बड़ी-बड़ी दरारों में पानी भरने से तबाही मच सकती है। ऐसे में स्थिति और भी भयानक हो सकती है। इसी बीच ज्योर्तिमठ के दीवारों में भी दरारें आ गई हैं।

प्रशासन की ओर से आज सभी दरारग्रस्त वाडरें का निरीक्षण किया गया। साथ ही प्रदेश बीजेपी की ओर से गठित टीम ने प्रभावित इलाकों का जायजा लिया। इधर, जोशीमठ में दरारों को लेकर भी सरकार चिंतित है। लिहाजा, आज जोशीमठ के मौजूदा हालात की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में सीएम धामी ने आपदा प्रबंधन सचिव, आयुक्त गढ़वाल मंडल और जिलाधिकारी से जोशीमठ की जानकारी ली।

आज हुई बैठक में सीएम धामी ने अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाने के निर्देश दिए। ताकि जोशीमठ शहर के लोगों को वहां पर शिफ्ट कराया जा सके। स्थायी पुनर्वास के लिए पीपलकोटी और गौचर समेत अन्य स्थानों पर सुरक्षित जगह तलाशने को भी कहा। इसके अलावा सीएम धामी ने जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना बनाने के निर्देश भी दिए। वहीं, तत्काल डेंजर जोन को खाली करवाने को कहा, ताकि कोई अनहोनी घटना न हो सके।

एसडीआरएफ आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि जोशीमठ एसडीआरएफ को भी तैनात किया गया है। एसडीआरएफ के करीब 50 जवान पहले दल के तौर पर जोशीमठ में तैनात हैं। इसके साथ ही एसडीआरएफ की आसपास की चार पोस्टों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। एक घंटे के अंदर सभी जवान राहत और बचाव कार्य में जुट जाएंगे। जोशीमठ में करीब डेढ़ सौ एसडीआरएफ के जवान किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए अलर्ट मोड पर रखे गए हैं।

जोशीमठ में भू धंसाव को देखते हुए चमोली भू जिला प्रशासन एनटीपीसी की परियोजना, हेलंग मारवाड़ी बाईपास और जोशीमठ में चल रहे सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर अगले आदेशों तक रोक लगा चुका है। जबकि, गढ़वाल मंडल आयुक्त सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा समेत विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की टीम दरार प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को जोशीमठ की स्थितियों का जायजा लेने जोशीमठ जाएंगे। जहां वे जोशीमठ की स्थितियों का धरातलीय निरीक्षण करेंगे। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी जोशीमठ जाकर हालत का जायजा लेंगे।

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