Monday, January 20, 2025
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Joshimath: भारी बारिश के चलते बिगड़े जोशीमठ के हालात, फिर पड़ी मोटी दरारें

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चमोलीः उत्तराखंड में मानसून पूरी तरह से सक्रिया हो गया है। जिसकी वजह से प्रदेश के कई इलाकों में झमाझम बारिश हो रही है। बारिश के साथ ही जोशीमठ (Joshimath landslide) में एक बार फिर लोगों में डर और दहशत देखने को मिल रही है। एक तरफ चारधाम यात्रा चरम पर चल रही है तो दूसरी तरफ बारिश के मौसम में दरारें बढ़ने का सिलसिला फिर शुरू हो गया है।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन को पहले ही आगाह कर दिया था कि बरसात के मौसम में जोशीमठ की हालत खराब होने वाली है, लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और लोगों की बात न सुनने का नतीजा यह है कि एक बार फिर जोशीमठ में दरारें बढ़ती जा रही हैं। जोशीमठ में लगातार बढ़ती दरारें चिंता का विषय है।

जोशीमठ में एक बार फिर लोगों में खौफ

उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ (Joshimath landslide) में पड़ती दरारों ने एक बार फिर लोगों के अंदर खौफ बैठ गया है। जोशीमठ में एक खेत में 6 फीट मोदी दरार पड़ी दिखाई दी, लोगों की माने तो भारी बारिश के चलते ऐसा हुआ है । लोगों को डर था कि मानसून के कारण जोशीमठ में हालात बेकाबू हो सकते हैं और ऐसा ही कुछ देखने को भी मिल रहा है। मानसून शुरू हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं और जोशीमठ में दरारें बढ़ती जा रही हैं। इन दिनों चारधाम यात्रा चल रही है. केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में बद्रीनाथ के रास्ते का मुख्य इलाका जोशीमठ एक बार फिर दरारों को लेकर सुर्खियों में आ गया है।

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6 फीट मोटी पड़ी दरार

उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, उन्होंने अपने एक खेत में 6 फीट की दरार देखी है। दरअसल जिले में मानसून ने दस्तक दे दी है। इलाके में लगातार हो रही बारिश के चलते ऐसा हुआ। इससे पहले जनवरी कई घरों में गहरी दरारें पड़ने से सैकड़ों लोगों अपने घर खाली करने पड़े थे। अब जोशीमठ नगर के सुनील वार्ड निवासी विनोद सकलानी के खेत में दरार आ गई है। विनोद सकलानी बताया कि ” मेरे घर के पास एक छोटे से मैदान में लगभग 6 फीट गहरी दरार मिली है। हो सकता है कि बारिश के चलते ऐसा हुआ हो ।”

प्रशासन ने जताई चिंता

जनवरी में एक के बाद एक कई घरों में दरारें आने लगीं, जिसके कारण सैकड़ों परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना पड़ा और उन्हें खाली कराना पड़ा। इसके बाद से स्थानीय लोग लगातार प्रशासन से मरम्मत कार्य कराने की अपील कर रहे थे। लोगों की माने तो बारिश आने से पहले यदि कार्य पूरा हो जाए तो दरारों के आने का खतरा कम हो सकता है। लेकिन प्रशासन ने इसकी कोई सुध नहीं ली। यही कारण है कि अब मानसून में दरारों का बढ़ना फिर से शुरू हो गया है जो कि एक गंभीर चिंता की बात है।

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