देहरादून: जोशीमठ में कुल 603 भवनों में दरारें आई हैं। सुरक्षा के दृष्टिगत कुल 68 परिवारों को अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है। सरकार की ओर से प्रभावित परिवारों को पुनर्वास के लिए आदेश दिए गए हैं। केन्द्र और राज्य सरकार की टीम इस मामले को लेकर बेहद संवेदनशील है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ भू-धंसाव से पीड़ित लोगों की मदद एवं राहत-बचाव के साथ विकास कार्यो के अनुश्रवण और पीड़ितों की हर सम्भव मदद के साथ क्षेत्र के विकास कार्यों में तेजी लाये जाने के भी निर्देश दिये थे। जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली की ओर से जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धसाव के दृष्टिगत आपदा प्रबंधन संबंधी बुलेटिन के मुताबिक नगर क्षेत्र में कुल 603 भवनों में दरारें आई हैं। कुल 68 परिवारों को अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है।
आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत अग्रिम आदेशों तक होटल माउंट व्यू एवं मलारी इन को संचालन/यात्री निवास के लिए प्रतिबंधित किया गया है। जोशीमठ नगर क्षेत्रान्तर्गत अस्थाई रूप से 229 कक्षों को निवास करने योग्य चिन्हित किया गया है जिनकी क्षमता 1271 आंकी गई है। आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 33 व 34 के अन्तर्गत नगर क्षेत्र के अत्यधिक भू-धसाव वाले क्षेत्रों को असुरक्षित घोषित करते हुए तत्काल रूप से जानमाल की सुरक्षा के दृष्टिगत खाली कराये जाने के आदेश पारित किये गये हैं।
आम जनमानस की सुरक्षा के दृष्टिगत उपजिलाधिकारी, जोशीमठ की ओर से रात्रि में नगर क्षेत्र में भ्रमण किया जा रहा है। भू-धसाव से प्रभावित स्थानों को चिन्हित किये जाने का कार्य गतिमान है। संवेदनशील परिवारों को अस्थाई रूप से सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया जा रहा है।
एन.टी.पी.सी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के अन्तर्गत हो रहे निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेशों तक रोक लगाई गई है। बीआरओ की ओर से हेलंग बाईपास निर्माण कार्यों व जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्रान्तर्गत हो रहे निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेशों तक रोक लगाई गई है। रोपवे का संचालन बंद किया जा चुका है।
प्रभावित परिवारों को उनकी आवश्यकतानुसार खाद्यान किट एवं कंबल वितरित किये गये। 46 प्रभावित परिवारों को पांच हजार प्रति परिवार की दर से आवश्यक घरेलू सामग्री के लिए धनराशि भी वितरित की गई है।