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JMM ने साधा अमित शाह पर निशाना कहा- चुनाव आते ही याद आते हैं वादे

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रांचीः झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि चुनाव आते ही अमित शाह को सहारा में डूबे निवेशकों के 40 हजार करोड़ रुपये याद आ गए। हाल ही में भाजपा ने अखबारों में विज्ञापन दिया। इस विज्ञापन में भाजपा ने वादा किया है कि सहारा के निवेशकों का पैसा जल्द से जल्द लौटाया जाएगा। पांडेय शनिवार को हरमू स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।

जख्मों पर नमक छिड़क गए अमित शाहः JMM

उन्होंने कहा कि सहारा के नाम पर बहुराज्यीय सहकारी समिति बनाकर बड़ा घोटाला किया गया है। इसके लिए सहकारिता मंत्रालय जिम्मेदार है, जिसके मंत्री अमित शाह हैं। अमित शाह पिछले दिनों झारखंड आए और झारखंड के करीब डेढ़ करोड़ निवेशकों और पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया। सहकारिता मंत्री आए और नारा देकर चले गए कि भाजपा की सरकार बनेगी तो झारखंड के निवेशकों का पैसा लौटाया जाएगा।

पीड़ितों की अनदेखी कर रही केंद्र सरकार

झारखंड की जनता के साथ यह कैसा सौदा है? क्या निवेशकों की गाढ़ी कमाई झारखंड में भाजपा की सरकार बनने पर ही लौटाई जाएगी, अन्यथा नहीं? यह पूरी तरह से केंद्र सरकार का मामला है। निवेशकों का पैसा क्यों नहीं लौटाते। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुब्रत राय को जेल में डालने के बाद सहारा की संपत्ति बेचकर 25 हजार करोड़ रुपये जुटाए गए, लेकिन अमित शाह ने सहकारिता मंत्री रहते हुए यह राशि निवेशकों में क्यों नहीं बांटी। उन्होंने कहा कि भले ही केंद्र सरकार झारखंड के निवेशकों की अनदेखी करे, लेकिन झामुमो निवेशकों के साथ हर स्तर पर उनके हक की लड़ाई लड़ने को तैयार है।

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1800 करोड़ केवल मूलधन

हालांकि यह राज्य सरकार का मामला नहीं है। इसके बावजूद हम झारखंड के निवेशकों के लिए केंद्र सरकार से लड़ेंगे। इस अवसर पर सहारा से अपनी निवेश की गई राशि वापस पाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे विश्व भारती जनसेवा संस्थान के जनार्दन मिश्रा ने कहा कि सहारा में उनका एक करोड़ रुपया फंसा हुआ है। उनके इकलौते बेटे की मौत हो चुकी है। उन्होंने कई बार अपने निवेश किए गए पैसे के लिए गुहार लगाई, लेकिन कहा गया कि ऊपर तक पहुंच होगी, तभी पैसा मिलेगा। हर बार मेरे साथ धोखा हुआ। अमित शाह सहकारिता मंत्री हैं, तो वे हमारा पैसा क्यों नहीं देते। झारखंड की जनता का सिर्फ 1800 करोड़ रुपये का मूलधन ही सहारा में फंसा हुआ है।

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