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J&K: बारामूला मुठभेड़ में लश्कर के शीर्ष कमांडर सहित 4 आतंकी ढेर, एक जवान शहीद

terrorist attack

श्रीनगरः उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के मालवाह इलाके में गुरुवार को आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच शुरू हुई मुठभेड़ (Baramulla encounter) में लश्कर के शीर्ष कमांडर सहित 4 आतंकवादी मारे गए हैं। जबकि सेना का एक जवान शहीद हो गया।मारे गए लोगों में लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर यूसुफ कांतरू भी शामिल है, जो पुलिस और सुरक्षा बलों पर हमले सहित कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था। पुलिस ने कहा, "एक और आतंकवादी मारा गया, जिससे आतंकवादियों के मरने की कुल संख्या 4 हो गई है)। ऑपरेशन जारी है।"

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पुलिस और सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम ने विशेष जानकारी के आधार पर आतंकवादियों की मौजूदगी वाले इलाके को घेरकर तलाशी अभियान शुरू किया। जैसे ही सुरक्षा बल आतंकवादियों की छिपी हुई जगह पर पहुंचे, तभी उन्होंने बचाव में गोलीबारी की। इसी के साथ दोनों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "सुरक्षा बल का एक जवान शहीद हो गया है। ऐसा लगता है कि आतंकवादी एक घर के अंदर छिपे हुए हैं।" इससे पहले सूत्रों ने बताया कि सेना के कैंप के पास सुंजवान में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई है। सुंजवान में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद मुठभेड़ शुरू हुई। जैसे ही सुरक्षा बल आतंकवादियों की मौजूदगी वाली जगह पहुंचे। तभी दोनों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई।

पुलिस ने कहा, तलाशी अभियान के दौरान जैसे ही संयुक्त तलाशी दल संदिग्ध स्थान पर पहुंचा, छिपे हुए आतंकवादियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें एक अधिकारी सहित चार सैनिकों को मामूली चोटें आईं। बाद में एसएसपी के नेतृत्व में बारामूला पुलिस भी ऑपरेशन में शामिल हो गई। बारामूला जिले का एक पुलिसकर्मी भी मुठभेड़ में घायल हो गया, जिसे बाद में श्रीनगर में सेना के बेस अस्पताल में भेज दिया गया।

पुलिस ने कहा कि आगामी मुठभेड़ (Baramulla encounter) में, सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले आतंकवादियों में से एक, लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी मारे गए और उनके शव मुठभेड़ स्थल से बरामद किए गए। पुलिस के मुताबिक, कांतरू पहले एक ओवर ग्राउंड वर्कर के रूप में हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था और 2005 में गिरफ्तार किया गया था। उसे 2008 में रिहा कर दिया गया था, लेकिन वह 2017 में फिर से आतंकवादी रैंक में शामिल हो गया और निर्दोष नागरिकों, पुलिसकर्मियों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या में शामिल हो गया। बाद में वह हिजबुल से लश्कर-ए-तैयबा चला गया। अन्य मारे गए आतंकवादी की पहचान अभी नहीं हो पाई है।

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