Jitan Ram Manjhi: पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के संस्थापक जीतन राम मांझी ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि शराबबंदी कानून सफल नहीं है, अगर हमारी सरकार बनी तो बिहार में फिर से शराब चलने दी जायेगी। जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश सरकार और मद्य निषेध विभाग की ओर से दावा किया जाता है कि शराबबंदी सफल है और उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए, लेकिन हकीकत यह है कि शराबबंदी के मामले में गिरफ्तार किये गये लोगों में 80 प्रतिशत दलित लोग हैं। शराब पीने के बाद वह शाम को घर चले जाते हैं। उन्होंने ऐसे लोगों को बंद कर दिया है।
नीतीश कुमार के बयान पर कही ये बात
मांझी ने कहा कि 500 रुपये कमाने वाला व्यक्ति 2000 और 3000 रुपये नहीं देगा, इसलिए वह जेल जाते हैं। आपका यह शराबबंदी कानून बिल्कुल भी सही नहीं है। अगर मेरी सरकार आई तो हम या तो इस कानून को गुजरात की तर्ज पर लागू करेंगे या इसे ऐसे ही खुला छोड़ देंगे।’ बिहार में शराब का प्रचलन पहले से ही था। मांझी ने सीएम नीतीश कुमार द्वारा अपने बारे में कही गई बातों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर मैं उस वक्त विधानसभा में नहीं होता तो सीएम के उस व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करता। मैंने ध्यान रखा क्योंकि मैं विधानसभा के अंदर था। नीतीश कुमार की सोच शुरू से ही दलितों के प्रति नकारात्मक रही है। हमारे पास आरक्षण कहां है? यह जानने के लिए आरक्षण आयुक्त का पद था। नीतीश कुमार ने उन्हें भी गायब कर दिया। यह नीतीश कुमार का दलित प्रेम है।
मांझी ने कहा कि 2017 में वर्ग चार में अनुसूचित जाति के माध्यम से बहाली बंद कर दी गयी और अब एजेंटों के माध्यम से बहाली होती है। पहले ऐसी कोई प्रक्रिया नहीं थी। पहले भर्ती सीधे की जाती थी, किसी बाहरी स्रोत से नहीं। अनुसूचित जाति को लेकर नीतीश कुमार की भूमिका शुरू से ही नकारात्मक रही है और वे सिर्फ ढोल पीट रहे थे कि हम अनुसूचित जाति के पक्ष में हैं। आगे उन्होंने रत्नेश सादा को लेकर कहा कि आपने देखा है कि बिहार सरकार में क्या होता है।
नीतीश के खिलाफ प्रदर्शन की तैयारी
आगे उन्होंने कहा कि हमारे मंत्री का माइक छीन लिया गया, अगर हम होते तो इसे बर्दाश्त नहीं करते। ऐसे मंत्री के साथ कोई ऐसा कैसे कर सकता है? हम बस इतना कहना चाहते हैं कि अनुसूचित जाति से आने वाले मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। मुझे समझ नहीं आता कि अपमान सहने के बाद भी कोई पद पर कैसे रह सकता है। मांझी ने कहा कि हम 5 दिसंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर नीतीश कुमार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और हवन भी करेंगे। नीतीश कुमार स्वाहा। नीतीश कुमार स्वाहा। जीतन राम मांझी ने यह भी कहा कि, हम 24 दिसंबर को पटना के मिलर ग्राउंड में दलितों का महासम्मेलन बुला रहे हैं। जिसमें नीतीश कुमार का दलित विरोधी चेहरा उजागर होगा।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)