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सावन में बारिश के लिए तरस रहे झारखंड में घोषित होगा सूखाः कृषि मंत्री

रांची : सावन माह चल रहा है। आम तौर पर इस महीने में झमाझम बारिश होती है, जिससे खेत और खलिहान हरे-भरे दिखते हैं, लेकिन इस बार सावन खत्म होने को है और किसान बारिश को तरस रहे हैं। अगस्त का महीना शुरू हो गया है पर कृषि कार्य शुरू नहीं हो सका है। चारों ओर सुखाड़ जैसी स्थिति बन गई है। तपती धूप के कारण धान का बिचड़ा भी सूख रहा है। किसान फसल को नष्ट होते देख परेशान हैं।

लैंप्स तथा खुले बाजार से किसानों ने उन्नत धान का बीज ऊंची कीमत पर खरीदा था लेकिन बारिश ने किसानों के मंसूबे पर पानी फेर दिया है। पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण कृषि कार्य पूरी तरह से ठप है। किसान हाथ पर हाथ धरे घर में बैठकर दिन काट रहे हैं। अब अगर बारिश भी हुई तो किसानों के पास बिचड़ा नहीं होगा। बीते एक महीना से बारिश नहीं होने से मृतप्राय हो चुकी धान का बिचड़ा बचाने के लिए किसान पंपसेट से खेतों में पटवन करने में जुटे हैं।

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प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश तालाब का जलस्तर काफी नीचे चला गया है। इससे किसानों की परेशानी और भी बढ़ गई है। कृषक सोमा पाल ने कहा कि बड़ी उम्मीद के साथ खेतों में बिचड़ा बोया था। बारिश नहीं होने के कारण उम्मीद पर पानी फिर गया। सुरेश पासवान ने बताया कि खेतों में लगा बिचड़ा सूखकर मर गया। अब बिचड़ा को बचाना काफी मुश्किल हो गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 मई में 51 हजार हेक्टेयर में धान रोपने का लक्ष्य रखा गया था। जुलाई माह के दूसरे सप्ताह तक 70 प्रतिशत तक धान रोपनी का कार्य पूरा हो जाता है लेकिन इस साल 10 प्रतिशत भी धान की रोपनी नहीं हुई है। पलामू में बारिश नहीं होने के कारण कृषि कार्य काफी प्रभावित हुआ है। खरीफ फसल की खेती का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया था, उसे हासिल नहीं किया जा सका है।

लक्ष्य एक लाख 35 हजार 917 हेक्टेयर में आच्छादन का था। इसके विरुद्ध 32328 हेक्टेयर भूमि पर खेती हुई है। कम बारिश के कारण खरीफ की दूसरी फसलों पर भी असर दिख रहा है। लक्ष्य से काफी कम दलहन, तिलहन, मक्का और मोटे अनाज की बुआई होने से पलामू में अकाल की आशंका से किसान चिंतित हैं।

15 अगस्त के बाद झारखंड में सुखाड़ घोषित होगा : कृषि मंत्री

कृषि मंत्री बादल ने कहा है कि राज्य में अब तक सामान्य से कम बारिश हुई है। ऐसे में सुखाड़ की आशंका बढ़ती जा रही है। यह हम सभी के लिए चिंता की बात है लेकिन इससे निपटने के लिए भी सरकार तैयार है। झारखंड विधानसभा में विपक्ष ने राज्य को सुखाड़ घोषित करने की मांग छाया रहा। इसपर कृषि मंत्री ने कहा कि 15 अगस्त के बाद झारखंड में सुखाड़ घोषित होगा।

बादल ने कहा कि केंद्र सरकार ने इसके लिए अक्टूबर महीना तय कर रखा है। सरकार ने एक नहीं, कई बैठकें की हैं। कृषि विभाग की तरफ से मुख्यमंत्री और आपदा प्रबंधन विभाग को स्थिति से अवगत करा दिया गया है। अब तक 6 लाख 89 हजार हेक्टेयर भूमि पर फसल का आच्छादन हुआ है, जबकि राज्य में कृषि योग्य भूमि 27 लाख हेक्टेयर है यानी हम लोग अब तक 35 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किये हैं। कृषि मंत्री बादल ने कहा कि वर्षापात 50 प्रतिशत से कम हुआ है। स्थिति ठीक नहीं है। सरकार शीघ्र मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक करने जा रही है। वैकल्पिक फसल योजना पर भी सरकार काम कर रही है।

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