रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे चरण के तीसरे दिन बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद स्पीकर ने ग्रामीण विकास मंत्री को वक्तव्य देने के लिए आमंत्रित किया। इसका भाजपा के विधायकों ने विरोध किया और हंगामा करते हुए सदन का बहिष्कार किया। विपक्ष के बहिष्कार के बाद ग्रामीण विकास विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 8165 करोड़ रुपये का अनुदान मांग प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हो गया।
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि हम घोषणा पर नहीं, काम पर विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि तीन वर्ष में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 1700 किमी सड़क को आवागमन योग्य बनाया गया है। गांव के बच्चों के हुनर को निखारने के लिए पंचायतों में खेल का मैदान तैयार करवाया है। खेल सामग्री का वितरण किया जा रहा है। पंचायत सशक्तीकरण के लिए योजना बनाई जा रही है। पंचायत सचिवालय का गठन किया जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी के मामले में आज झारखंड देश में नंबर एक। मंत्री के जवाब के बीच विधायक मथुरा महतो, राजेश कश्यप और सरफराज अहमद ने कहा कि संवेदक विधायकों को शिलान्यास के समय नहीं बुलाते यह विधायकों की अवमानना है।
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