गिरिडीह: जैन धर्मावलंबियों के पवित्र तीर्थक्षेत्र श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन क्षेत्र घोषित किये जाने के सरकारी प्रस्ताव के विरोध में गुरुवार को श्री दिगंबर जैन पंचायत के बैनर तले जैन समाज के लोगों ने मौन प्रदर्शन किया। इस दौरान सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये थे।
गिरिडीह जिला मुख्यालय हुए मौन प्रदर्शन में झारखंड के सभी 24 जिलों से आए जैन समाज की महिलाओं-पुरुषों, छात्र-छात्राओं के अलावा बड़ी संख्या में समाजसेवी सगठनों के लोगों ने भी हिस्सा लिया। मौन प्रदर्शन में हजारों की संख्या में कतार बंद होकर चल रहे लोगों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थी, जिस पर जैनों को प्राणों से प्यारा-सम्मेद शिखर तीर्थ हमारा, जैन धर्म की जान है-सम्मेद शिखर महान है जैसे स्लोगन लिखे थे। मौन पैदल मार्च दिगंबर जैन भवन से निकल कर शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए गिरिडीह सर्कस मैदान तक पहुंचा।
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इसके बाद शिष्टमंडल ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री को संबोधित ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा।ज्ञापन में कहा गया कि श्री सम्मेद शिखर जी, पारसनाथ जैन समाज का तीर्थराज है। 24 में से 20 तीर्थंकरों (जैनमुनियों) ने पर्वत पर निर्वाण (मोक्ष) प्राप्त प्राप्त किया। जैन समाज के लिए शिखरजी का कण-कण वंदनीय है, जिसकी पवित्रता अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए पर्यटन प्रस्ताव को वापस लेकर जैन समाज की भावनाओं का सम्मान किया जाए।
मौन प्रदर्शन की अगुवाई अशोक जैन पांडया, महेश जैन, सुरेन्द्र जैन सरावगी, अंकित जैन, शेलेश जैन, धीरज जैन ने किया। इसमें रांची, धनबाद, पलामू, देवघर, दुमका, बोकारो, टाटा, चाईबासा, सिमडेगा समेत राज्य के अन्य शहरों से आये जैन समाज के लोगों ने शिरकत किया।
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