रांची (Jharkhand): विश्व बाल दिवस के अवसर पर बाल अधिकारों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए सोमवार को राजभवन को नीली रोशनी से रोशन किया गया। बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन को अपनाने की सालगिरह को चिह्नित करने के लिए हर साल 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य दुनिया भर में बच्चों के अधिकारों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करना है।
विश्व बाल दिवस यूनिसेफ का बाल-थीम वाला वैश्विक दिवस है जो दुनिया की सबसे अधिक अनुमोदित मानवाधिकार संधि, बाल अधिकारों पर कन्वेंशन को अपनाने के लिए प्रतिवर्ष मनाया जाता है। है। इस अवसर पर, बच्चों के अधिकारों के प्रति समर्थन और एकजुटता दिखाने के लिए देशभर में प्रतिष्ठित सार्वजनिक भवनों और स्मारक स्थलों को नीली रोशनी से रोशन किया जाता है।
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‘नीले रंग में रोशन राजभवन बच्चों के समर्थन का प्रतीक’
इस अवसर पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि मुझे दुनियाभर के उन सभी बच्चों के साथ अपनी आवाज जोड़ने पर गर्व है जो अपनी शिक्षा, सुरक्षा, सशक्तिकरण और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं के समाधान की मांग कर रहे हैं। नीले रंग में रोशन राजभवन बच्चों के समर्थन का प्रतीक है, सभी लोगों से झारखंड के बच्चों के लिए एक सुरक्षित और कल्याणकारी वातावरण सुनिश्चित करने और सामूहिक प्रयास के माध्यम से बच्चों के हित में काम करने का आग्रह करता है। विश्व बाल दिवस बच्चों के हित में एजेंडा तय करने और बाल अधिकारों के लिए आवाज उठाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
‘बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करना हम सभी का कर्तव्य’
यूनिसेफ झारखंड प्रमुख डॉ. कनिनिका मित्रा ने कहा कि प्रत्येक बच्चे के अधिकारों को सुनिश्चित करना हम सभी का कर्तव्य है, क्योंकि यह सभी लड़कों और लड़कियों के लिए सुरक्षित और बेहतर भविष्य के प्रति हमारी सामूहिक जिम्मेदारी को व्यक्त करता है। राजभवन को नीली रोशनी से रोशन करना न केवल प्रतीकात्मक है, बल्कि यह सभी से बच्चों के हित में काम करने, बच्चों को उनके अधिकारों का एहसास कराने और उनके लिए एक बेहतर समाज बनाने के लिए एकजुट होने का आह्वान भी करता है।
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