रामगढ़: झारखंड सरकार ने जब से जैन धर्मावलंबियों के सबसे बड़े तीर्थ स्थल पारसनाथ को पर्यटन स्थल के रूप में घोषित किया है तब से पूरे देश में बवाल हो रहा है। लेकिन झारखंड के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता की माने तो इन सारे सवालों से वे बेखबर है। गुरुवार को जब वे रामगढ़ पहुंचे तो 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति की बैठक में शामिल हुए।
जब उन्होंने मीडिया से बात करनी शुरू की तो सिर्फ झारखंड सरकार का गुणगान करते नजर आए। जब उनसे तीर्थ स्थल पारसनाथ पर सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि वे सरकार में मंत्री है लेकिन सरकार के इस फैसले से पूरी तरीके से अनभिज्ञ है। जब तक उन्हें पूरी जानकारी नहीं होगी इस मामले पर कुछ भी टिप्पणी नहीं करेंगे।
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सूबे के श्रम मंत्री होने के नाते सत्यानंद भोक्ता को हर उस क्षेत्र की जानकारी होनी चाहिए, जहां से लोगों को रोजगार मिलता है। पारसनाथ का इलाका ऐसा है, जहां पहाड़ों और जंगलों में बड़ी आबादी रहती है। वहां भी मनरेगा जैसी योजनाओं का संचालन होता है। सबसे बड़ी बात यह है कि जिस मुद्दे पर एक धर्म के लोग पूरे देश में बवाल कर रहे हैं और गुरुवार को गिरिडीह जिले के पारसनाथ में एक बड़ा जुलूस निकाला गया। वहां की परिस्थिति को एक मंत्री के द्वारा दरकिनार किया जाना शोभा नहीं देता है।
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