महिला थाना प्रभारी को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले दारोगा को मिली जमानत

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रांचीः साहिबगंज की पूर्व थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत के मामले में जेल में छह माह से बंद दारोगा शिव कुमार कनौजिया को सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। जस्टिस अंबुज नाथ की कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद शिव कुमार कनौजिया को 25- 25 हजार के दो निजी मुचलकों पर जमानत दी। रूपा तिर्की आत्महत्या मामले में साहिबगंज पुलिस ने 2018 बैच के दारोगा शिव कनौजिया को पिछले वर्ष नौ मई को गिरफ्तार किया था। इस मामले में जिरवाबाड़ी थाना में दर्ज शिकायत पर जांच जारी है।

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कनौजिया की ओर से अदालत को बताया गया कि रूपा तिर्की ने आत्महत्या की है और पुलिस की अभी तक की जांच में यह आत्महत्या का मामला ही माना जा रहा है। साहिबगंज पुलिस की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रूपा तिर्की का केस हत्या का नहीं, बल्कि आत्महत्या का मामला है। उधर, रुपा तिर्की के परिजन का आरोप था कि शिव कनौजिया ने ही आत्महत्या के लिए उसे उकसाया है। हालांकि पुलिस को जांच में इसका कोई साक्ष्य नहीं मिला है। शिव और रूपा के बीच दोस्ती थी। मोबाइल पर दोनों के बीच अक्सर बात होती थी। सुनवाई के बाद अदालत ने शिव कुमार कनौजिया को जमानत दे दी।

रूपा तिर्की ने कनौजिया को किया था आखिरी मैसेज

पुलिस जांच में यह बात सामाने आई थी कि रूपा ने आखिरी मैसेज शिव कनोजिया को ही किया था। घटना से तीन दिन पहले 26 मिनट तक रूपा को कनौजिया गाली देता रहा था । इसके पहले प्यार का नाटक कर कनौजिया ने रूपा को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया था। वह रूपा से रांची में आदिवासी के नाम पर जमीन खरीदवाना चाहता था और उससे रुपये भी मांगता था।

तीन मई को सरकारी क्वार्टर में की थी आत्महत्या

रूपा तिर्की रांची के रातू थाना अंतर्गत काठीटांड की रहने वाली थी। वह 2018 बैच के अवर निरीक्षक के रूप में बहाल हुई थी। तिर्की ने तीन मई को अपने साहिबगंज स्थित सरकारी आवास में गले में रस्सी का फंदा डालकर खुदकुशी कर ली थी। पुलिस जांच में यह बात सामने आयी कि आत्महत्या वाले दिन रूपा के मोबाइल पर अंतिम कॉल शिव कुमार कनौजिया का ही आया था।

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