रिटायर्ड कर्मियों को पेंशन दें, या हाजिर हों परिवहन सचिवः झारखंड हाईकोर्ट

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रांची : झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली पीठ ने एकीकृत बिहार में परिवहन निगम में कार्यरत कर्मियों की ओर से झारखंड में पेंशन एवं सेवानिवृत्ति लाभ के समायोजन के मामले में राजेश्वर पाठक एवं अन्य की अवमानना ​​याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की।

न्यायालय ने इस मामले में परिवहन सचिव को निर्देश दिया है कि न्यायालय के आदेश के आलोक में कार्मिकों को पेंशन एवं सेवानिवृति का लाभ प्रदान किया जाये अन्यथा अगली सुनवाई 19 जून को शारीरिक रूप से न्यायालय में उपस्थित होना होगा। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि सरकार याचिकाकर्ता सेवानिवृत्त कर्मियों को समायोजित करे और उनकी सेवा पुस्तिका का रिकॉर्ड तैयार करे और उन्हें कानून के अनुसार पेंशन और सेवानिवृत्ति का लाभ दे।

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इस मामले में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी, जिसमें राज्य सरकार ने परिवहन विभाग के इन कर्मियों को चार महीने में सेवानिवृत्ति लाभ देने की बात कही थी, लेकिन अब तक न तो कर्मियों को पेंशन का भुगतान किया गया और न ही उन्हें सेवानिवृत्ति दी गई है। यहां तक कि उनकी सर्विस बुक भी नहीं बनाई गई है। याचिकाकर्ता बिहार राज्य परिवहन निगम में कर्मचारी थे। झारखंड बनने के बाद उन्हें झारखंड में कैडर डिवीजन में समायोजित किया गया लेकिन उनकी पुरानी कार्य अवधि को उनकी पेंशन से नहीं जोड़ा गया। मामले को लेकर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

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