रांचीः कोरोना के बाद भारत में अब H3N2 वायरस (इन्फ्लूएंजा वायरस) ने तेजी पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। H3N2 वायरस से देश में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। मिली जानकारी के मुताबिक पंजाब-हरियाणा और कर्नाटक में H3N2 वायरस से मौत की पुष्टि हुई है। हालांकि जांच टीम H3N2 से मौत की वजह का पता लगाने में जुटी है। सूत्री की माने तो भारत में अब तक H3N2 इन्फ्लुएंजा के कुल 90 मामले और H1N1 के आठ केस सामने आए हैं।
बिमारी को न करें नजर अंदाज
बता दें कि H3N2 इंफ्लूएंजा वायरस की चपेट में लोग तेजी से आ रहे हैं। इस बीमारी के लक्षण कोरोना से मिलते जुलते हैं। कई राज्यों में एच3एन2 इंफ्लूएंजा का खतरा देखा जा रहा है। अब झारखंड में भी इस बीमारी का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। वहीं इस संबंध में रांची रिम्स के डॉक्टर डॉ संजय ने बताया कि इस बीमारी के लक्षण को अगर नजर अंदाज किया गया तो खतरा बढ़ सकता है। अगर लंबे समय से खांसी है, सांस फूल रही है और थकान की शिकायत है तो जांच करानी चाहिए। खांसी ठीक हो जायेगी सोचकर साधारण दवा नहीं लेनी चाहिए खतरा बढ़ सकता है।
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समय पर नहीं मिला इलाज तो जा सकता है जान
H3N2 वायरस का अगर समय रहते इलाज नहीं हो पाया तो यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि जान भी जा सकती है। यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि कई बार लोग आईसीयू में भी भर्ती हो जाते हैं। अगर बाहर से आये किसी व्यक्ति में इसके लक्षण दिखते हैं तो और सतर्क रहने की जरूरत है। अगर परिवार में किसी व्यक्ति में इस बीमारी के लक्षण हैं तो उसका मास्क पहनकर रहना बेहद जरूरी है। यह बीमारी फैलती है। घर के दूसरे सदस्यों को भी एन95 मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि यह वायरल बीमारी है, सांसों के जरिए भी एक दूसरे में जा सकता है। वहीं इस बार इसकी प्रसार क्षमता अधिक देखी जा रही है।
H3N2 वायरस के लक्षण
H3N2 वायरस की शुरुआत गले में खराश, बुखार और खांसी से होती है। धीरे-धीरे पूरा शरीर कमजोर होने लगता है। शरीर में दर्द होता है। अगर परिवार के किसी सदस्य में ये लक्षण हैं तो आपको तुरंत जांच करानी चाहिए। इसकी तुरंत जांच कराएं, आरटीपीसीआर जांच से संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. घर में किसी को लक्षण होने पर डॉक्टर के संपर्क में रहना जरूरी है। एन-95 का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है। गर्म पानी का लगातार सेवन करना बहुत जरूरी है। लक्षण मिलने पर एंटीबायोटिक्स बिल्कुल न लें, इसमें एंटीवायरल दवाएं काम करती हैं। इस रोग से लड़ने में ओसेल्टामाविस औषधि कारगर है।
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