रांची : महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षा बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने निर्भया कोष नामक एक समर्पित कोष की स्थापना की है। इस कोष के माध्यम से विभिन्न रूप से प्रताड़ित महिलाओं को आर्थिक मदद दिया जाता है। उक्त आशय की जानकारी केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने रांची के सांसद संजय सेठ को लोकसभा में दी। संजय सेठ ने सोमवार को बताया कि लोकसभा में यह पूछा था कि निर्भया कोष से अब तक राज्यवार कितनी राशि आवंटित की गई है? उसका कितना उपयोग हुआ है और झारखंड में इस निधि के तहत कितने लोगों को सहायता प्रदान की गई है? इन सबसे संबंधित प्रश्नों पर सांसद ने भारत सरकार से लोकसभा में जवाब मांगा था।
उसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा झारखंड राज्य में अंब्रेला स्कीम के तहत मिशन शक्ति स्कीम के तहत वन स्टॉप सेंटर महिला हेल्पलाइन को कार्यान्वित किया जा रहा है। इसकी शुरुआत के बाद से 13 मार्च 2022 राज्य के जिलों में कार्यशील वन स्टॉप सेंटर द्वारा अब तक 4.60 लाख से अधिक कॉल रिसीव किए गए हैं।
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केंद्र सरकार ने झारखंड राज्य सहित अनेक राज्यों को केंद्रीय पीड़ित मुआवजा को के तहत सहायता प्रदान की है। इसके तहत 2016-17 से लेकर वर्ष 2021-22 तक झारखंड को 65.49 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है जबकि महज 34 करोड़ ही झारखंड में खर्च हो पाए हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस मद में सबसे अधिक राशि उत्तर प्रदेश को 492 करोड़ रुपए जारी की गई है। दिल्ली को 422 करोड़, कर्नाटक को 299 करोड़, बिहार को 112 करोड़, आंध्र प्रदेश को 124 करोड़ की राशि जारी की गई है। सबसे कम राशि लद्दाख को जारी की गई है, यह राशि 4.54 करोड़ रुपए है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राज्य और संघ शासित क्षेत्रों को केंद्रीय पीड़ित मुआवजा कोष के तहत 200 करोड़ निर्भया कोष के तहत उनके संबंधित पीड़ित मुआवजा कोर्स के पूरक के तौर पर 200 करोड़ रुपए का एकमुश्त अनुदान भी प्रदान किया गया है। सांसद के सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि झारखंड राज्य में निर्भया कोष के तहत कार्यान्वित स्कीमों की संख्या कुल 13 है। जिसमें आपात प्रतिक्रिया सहयोग प्रणाली, केंद्रीय पीड़ित मुआवजा कोष, महिला और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम, वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन का सार्वभौमीकरण, दुष्कर्म की पीड़िता और गर्भवती होने वाली नाबालिग लड़कियों को न्याय दिलाने के लिए राज्यवार वाहन ट्रैकिंग प्लेटफार्म सहित कई अलग-अलग क्षेत्रों में भारत सरकार के सहयोग से काम चल रहा है।
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