Jharkhand: ‘कब रूकेंगी डायन बिसाही जैसी घटनाएं’, चाईबासा में हत्या के मामले में पूर्व सांसद ने बुलंद की आवाज

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रांची (Jharkhand): आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने चाईबासा के हाटगम्हरिया में डायन का आरोप लगाकर चार लोगों की हत्या की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि डायन बता कर माता-पिता और दो मासूम बच्चों की हत्या जैसी खबर दिल दहला देने वाली है।

मुर्मू ने कहा कि कल हाटगम्हरिया थाना क्षेत्र के नुरदा गांव में हुई आदिवासी परिवारों की नृशंस हत्या डायन या भूमि विवाद का मामला हो सकता है, लेकिन यह अन्याय, अत्याचार और शोषण का एक वीभत्स पशुवत कृत्य है। चिंता का विषय यह है कि हर आदिवासी गांव-समाज में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं क्यों दोहराई जाती हैं? ये कब रुकेगी और कैसे रुकेगी?

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व्यवस्था परिवर्तन के बिना रोकथाम असंभव

पूर्व सांसद ने कहा कि आदिवासी ग्राम समाज में व्यवस्था परिवर्तन के बिना इनकी रोकथाम असंभव है। क्योंकि, आदिवासी ग्रामीण समाज में नशाखोरी, अंधविश्वास, जादू-टोना, जुर्माना लगाना, सामाजिक बहिष्कार, ईर्ष्या, महिला विरोधी मानसिकता, वोटों की खरीद-फरोख्त, धर्म परिवर्तन आदि को सामाजिक स्वीकृति प्राप्त है। आदिवासी स्वशासन व्यवस्था इन्हें रोकने के बजाय प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इन्हें बढ़ावा देने का काम करती है।

उन्होंने कहा कि जब तक आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में लोकतांत्रिक सुधार और ग्रामीण समाज में संविधान, कानून और मानवाधिकार लागू नहीं होगा, तब तक यह अन्याय, अत्याचार और शोषण जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वह सरकार और समाज से सेंगेल घटना के दोषियों को फांसी देने के साथ-साथ संविधान के अनुरूप व्यवस्था में अविलंब बदलाव की मांग करते हैं। सेंगेल को उम्मीद है कि आदिवासी हो समाज महासभा, मानकी मुंडा संघ, माझी परगना महल आदि संगठनों के साथ-साथ सभी शिक्षित आदिवासी इस चुनौती को स्वीकार करेंगे और चुप नहीं बैठेंगे।

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