Jamshedpur Amit Shah RoadShow , जमशेदपुर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को झारखंड के औद्योगिक शहर जमशेदपुर में एनडीए प्रत्याशियों के साथ रोड शो किया। इस दौरान भारी भीड़ उमड़ी। लोग “जय श्री राम”, “भारतीय जनता पार्टी जिंदाबाद”, “नरेंद्र मोदी जिंदाबाद”, “अमित शाह जिंदाबाद” जैसे नारे लगाते रहे। शहर के जुबली पार्क गेट से शुरू होकर यह रोड शो बाराद्वारी गोल चक्कर तक गया।
दरअसल अमित शाह जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी पूर्णिमा दास साहू और जमशेदपुर पश्चिम से जदयू प्रत्याशी सरयू राय और कुछ अन्य भाजपा नेताओं के साथ एक खुली गाड़ी में सवार थे। उनकी एक झलक पाने के लिए हजारों की संख्या में लोग सड़कों के दोनों ओर खड़े थे।
शाह ने हाथ जोड़कर किया लोगों का अभिवादन
अमित शाह ने कभी हाथ हिलाकर तो कभी हाथ जोड़कर लोगों का अभिवादन किया। रोड शो का वीडियो सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, “जमशेदपुर रोड शो में लोगों का स्नेह और उत्साह बता रहा है कि झारखंड में भाजपा आ रही है।” शहर के जुबली पार्क गेट से शुरू होकर यह रोड शो बाराद्वारी गोलचक्कर तक गया। रोड शो में महिलाओं की भारी भागीदारी देखी गई। हजारों लोग वाहन के आगे-आगे भाजपा के झंडे, नरेंद्र मोदी, अमित शाह और भाजपा प्रत्याशी के कटआउट लेकर नारे लगाते हुए चल रहे थे।
भाजपा प्रत्याशी के हाथ में भाजपा के चुनाव चिह्न कमल का छोटा कटआउट था, जिसे दिखाकर उन्होंने पार्टी के पक्ष में मतदान करने की मौन अपील की। इससे पहले शाह ने छतरपुर, हजारीबाग और पलामू के कोल्हान प्रमंडल की विधानसभा सीटों पर चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए दावा किया कि इस बार राज्य में भाजपा की डबल इंजन की सरकार बननी तय है।
सरकार बनी तो पाई-पाई का लेंगे हिसाब
उन्होंने कहा कि जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी, तो उन्होंने 10 साल में झारखंड को सिर्फ 84 हजार करोड़ रुपये दिए, जबकि मोदी सरकार ने झारखंड को विकास के लिए 3 लाख 90 हजार करोड़ रुपये दिए। उन्होंने पूछा कि झारखंड के लिए हमने जो पैसा दिया, वह कहां गया? यह पैसा कांग्रेस और जेएमएम की सरकार खा गई। राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही हम पाई-पाई का हिसाब लेंगे। अमित शाह ने कांग्रेस को ओबीसी का धुर विरोधी करार दिया।
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कांग्रेस जब भी सत्ता में आई ओबीसी के साथ अन्याय किया
उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब भी सत्ता में आई, उसने ओबीसी के साथ अन्याय किया। पिछड़े वर्ग को अधिकार दिलाने के लिए 1950 में काका साहब कालेकर आयोग का गठन किया गया। इसकी रिपोर्ट को गायब कर दिया गया। मंडल आयोग का गठन हुआ और जब इसकी रिपोर्ट आई, तो इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने इसका विरोध किया।
पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का अधिकार मिलने में वर्षों लग गए। वहीं, 2014 में जब केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी, तो पिछड़े वर्ग को सभी परीक्षाओं और नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। हमारी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया और उसे संवैधानिक दर्जा दिया।