Ranchi News : झारखंड में टेंडर कमीशन घोटाले में ईडी के रडार पर आये झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मंगलवार को उनके पीएस और घरेलू नौकर के ठिकानों से करोड़ों रुपये की बरामदगी मामले में केस एजेंसी के अधिकारियों ने उनसे करीब साढ़े नौ घंटे तक पूछताछ की थी। ईडी के बुलावे पर वह बुधवार को दूसरे दिन भी एयरपोर्ट रोड स्थित एजेंसी के दफ्तर पहुंचे।
पत्रकारों के सवालों पर क्या बोले नेता
सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को पूछताछ के दौरान मंत्री आलमगीर ने इस बात से साफ इनकार किया कि उनके पीएस और घरेलू नौकर के घर से मिले करोड़ों रुपये उनके कहने पर वसूले गए उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उन्होंने यह रकम कैसे जुटाई। मंगलवार रात ईडी दफ्तर से बाहर निकलने के बाद आलमगीर आलम ने पत्रकारों के सवाल पर कहा था कि उनसे जो भी जानकारी मांगी जा रही है, वह मुहैया करा रहे हैं।
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बताया जा रहा है कि आज मंत्री और उनके पीएस संजीव कुमार लाल और जहांगीर आलम को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की जा सकती है। आपको बता दें कि ईडी ने 6-7 मई को मंत्री के पीएस संजीव कुमार लाल, घरेलू सहायक जहांगीर आलम और अन्य करीबी सहयोगियों के आवास पर की गई छापेमारी में 35.23 करोड़ रुपये बरामद किए थे। आलमगीर आलम झारखंड सरकार की कैबिनेट में नंबर दो रैंकिंग के मंत्री हैं। वह झारखंड विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता भी हैं।
याचिका में क्या कहा गया?
इडी ने अपने पीएस संजीव कुमार लाल और घरेलू नौकर जहांगीर लाल को 8 मई से रिमांड पर लिया है और उनसे लगातार पूछताछ जारी है। इस दौरान यह खुलासा हुआ कि ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं में टेंडर मैनेज करने और भुगतान करने में कमीशन की उगाही की जाती थी और इसका एक निश्चित हिस्सा बड़े अधिकारियों और राजनेताओं तक पहुंचता था। रिमांड पर लेने के लिए ईडी की ओर से कोर्ट में दी गई याचिका में बताया गया कि संजीव कुमार लाल कमीशन वसूलता था और उसे मैनेज करता था।
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