झांसी: मोटे अनाज के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए झांसी में किसान उत्पादक संगठनों यानि एफपीओ की मदद ली जाएगी। इसके लिए योजना तैयार हो रही है। इसके साथ ही कृषि विभाग सहित कई अन्य विभागों व संस्थानों की भी इस काम में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। वर्ष 2023 को विश्व स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसका प्रस्ताव भारत ने दिया था और संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया था।
झांसी जिले में इस समय 34 किसान उत्पादक संगठन काम कर रहे हैं। इसके साथ ही कई अन्य किसान उत्पादक संगठनों के गठन की प्रक्रिया चल रही है। इन सबकी मदद से ज्वार, बाजरा, कुट्टू सहित अन्य मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने की कोशिश होगी। मोटे अनाज में पोषक तत्व अधिक होते हैं, इसलिए इसके उपयोग को बढ़ावा देने की कोशिश हो रही है। इन फसलों को पर्यावरण व मिट्टी के लिए भी फायदेमंद माना जाता है और इस साल इसे बढ़ावा देने को लेकर बड़े पैमाने पर प्रयास हो रहे हैं।
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झांसी के मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद ने बताया कि किसान उत्पादक संगठनों के साथ इस बात की चर्चा होगी कि जिले में मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किस तरह के प्रयास हो सकते हैं। एफपीओ में किसान संगठित होकर काम करते हैं, इसलिए इनके माध्यम से इसके उत्पादन में काफी सफलता मिल सकती है। मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य तरह के प्रयास शुरू हुए हैं, जिनमें कृषि विभाग सहित कई अन्य विभागों को जिम्मेदारियां सौंपी गयी हैं।
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