कन्या सुमंगला योजना में लापरवाही बर्दाश्त नहींः जिलाधिकारी

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झांसीः जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, समस्त उप जिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी के साथ वर्चुअल बैठक में वृद्धावस्था, निराश्रित महिला (विधवा), दिव्यांग पेंशन, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना एवं कन्या सुमंगला योजना के लम्बित आवेदन पत्रों की समीक्षा की।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि कन्या सुमंगला योजना शासन की प्राथमिकता वाला कार्यक्रम है। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता एवं लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके अतिरिक्त उन्होंने विकासखंड स्तर पर एवं तहसील स्तर पर विभिन्न पेंशनर्स के लंबित आवेदन होने पर भी नाराजगी व्यक्त करते हुए लंबित आवेदन पत्रों का निस्तारण कराने के लिए 48 घंटे से 72 घंटे का समय सीमा निर्धारित किया। साथ ही चेतावनी दी कि समय सीमा अंतर्गत यदि आवेदन का सत्यापन नहीं किया जाता है तो कार्यवाही के लिए तैयार रहें।

वर्चुअल समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने वृद्धावस्था पेंशन की समीक्षा की और विकास खण्ड स्तर पर गुरसरायं एवं बडागावं में तथा तहसील स्तर पर झांसी एवं गरौठा में सर्वाधिक आवेदन पत्र लम्बित होने पर नाराजगी व्यक्त की। इसी क्रम में उन्होंने दिव्यांग पेंशन योजना की समीक्षा करते हुए सर्वाधिक आवेदन पत्र विकास खण्ड स्तर पर बामौर एवं गुरसरायं तथा तहसील स्तर पर झांसी में लम्बित होने पर भी सख्त नाराजगी व्यक्ति की। विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने निराश्रित महिला (विधवा) पेंशन के सर्वाधिक आवेदन पत्र विकास खण्ड स्तर पर गुरसरायं, बबीना एवं बडागांव एवं तहसील स्तर पर झांसी एवं मोंठ में लम्बित होने पर तथा राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के सर्वाधिक आवेदन पत्र तहसील झांसी, मोंठ में लम्बित होने पर सख्त नाराजगी जाहिर की। उन्होंने निर्देश दिए कि समस्त उपजिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी अपने तहसील एवं विकास खण्ड स्तर पर लम्बित समस्त आवेदन पत्रों की अपने अधीनस्थ लेखपाल एवं ग्राम सचिव वार सूची तैयार करें तथा आवेदन पत्रों का निस्तारण कराने के लिये उन्हें 48 घण्टे से 72 घण्टे का समय सीमा निर्धारित करें ताकि लंबित आवेदन पत्रों का सत्यापन करते हुए निस्तारण समय से सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन कम से कम 20 आवेदन पत्रों का निस्तारण अवश्यक करा लिया जाये इसके साथ निस्तारण कराने के साथ-साथ डाटा भी फीड किया जाये।

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वर्चुअल समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कन्या सुमंगला योजना के सर्वाधिक आवेदन पत्र विकासखंड स्तर पर मोंठ एवं चिरगांव में तथा तहसील स्तर पर मोंठ एवं झांसी में लंबित होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि शासन की उच्च प्राथमिकता वाले बिंदु पर किसी भी प्रकार की लापरवाही एवं शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये कि खण्ड शिक्षा अधिकारियों एवं विद्यालय के प्रधानाचार्यों के साथ जूम मीटिंग कर लें एवं बेसिक शिक्षा के विद्यालयों में अध्ययनरत ऐसी छात्राओं का कन्या सुमंगला योजनान्तर्गत आवेदन पत्र भरवाना सुनिश्चित करें, जिनके परिवार में अधिकतम 02 बच्चे अथवा जुडवां होने की दशा में 03 बच्चे हों। ताकि उनकी पात्रता की जांच कर उन्हें कन्या सुमंगला योजना का लाभ प्रदान किया जा सके। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि समस्त अधिकारी योजना अंतर्गत शासनादेश का अक्षरसरू अनुपालन करना सुनिश्चित करें।
वर्चुअल समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिये कि उपजिलाधिकारी स्तर पर जितने भी धारा-80 के मामले लम्बित हैं, उनका नियमानुसार निस्तारण करा लिया जाये।

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