पटनाः बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी JDU को गुरुवार को एक बार फिर उस वक्त तगड़ा झटका लगा, जब पार्टी के उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक ललन पासवान (Lalan Paswan) ने प्राथमिक सदस्यता सहित पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। कुछ दिन पहले ही पूर्व विधान पार्षद रणवीर नंदन ने पार्टी छोड़कर चले गए थे। जेडीयू के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक ललन पासवान ने गुरुवार को अपना इस्तीफा जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को भेज दिया है।
इस्तीफा ने देने के बाद पार्टी पर लगाएं गंभीर आरोप
ललन पासवान ने अपने इस्तीफे की वजह राजद के साथ गठबंधन बताया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा है कि बिहार में आतंकवाद और गुंडाराज को स्थापित करने वाले लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल से समझौते के बाद राज्य सरकार दलितों की हत्या,उत्पीड़न, बलात्कार की घटनाओं को रोकने और बढ़ाने की दिशा में राज्य सरकार की ओर से कोई कठोर कदम नहीं उठाए जाने के विरोध में मैं जनता दल (यू) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।
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कुछ पहले ही RLJP प्रमुख ने की थी फूट की भविष्यवाणी
बता दें कि पासवान रोहतास के चेनारी क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। रोहतास जिले में दलित नेता के रूप में उनकी खास पहचान है। हालांकि अभी तक पासवान ने भविष्य को लेकर कोई खुलासा नहीं किया है। लेकिन, माना जा रहा है कि वह एनडीए में शामिल हो सकते हैं। गौरतलब है कि पिछले महीने राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLJP) प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने दावा किया था कि जेडीयू में टूट होने वाली है। भले ही यह एक साथ न टूटे…टुकड़ों में हो, लेकिन टूटना तय है। इसके कुछ ही देर बाद जेडीयू के दो वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
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