जयंत पाटिल ने शिंदे सरकार पर साधा निशाना, बोले- सरकार ने खोई विश्वसनीयता

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मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) ने गुरुवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भले ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार (Chief Minister Eknath Shinde’s government) बच गई है, लेकिन इसने विश्वसनीयता और सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है। वरिष्ठ राकांपा नेता जयंत पाटिल (jayant patil) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से दिखाया है कि कैसे तत्कालीन राज्यपाल Bhagat Singh Koshyari द्वारा लिए गए सभी फैसले गलत निकले।

उन्होंने कहा कि हालांकि राज्यपाल के कार्यों पर टिप्पणी करना उचित नहीं है, पूर्व राज्यपाल कोश्यारी नवंबर 2019 में Congress-NCP-Shiv sena के महा विकास अघाड़ी (MVA) के सत्ता में आने के पहले दिन से ही इसी फिराक में लगे थे।

16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला –

राकांपा नेता ने कहा कि इन परिस्थितियों में अध्यक्ष Rahul Narwekar को सीएम शिंदे सहित 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेना चाहिए। उन्होंने कहा, शिंदे सरकार का बचे रहना उन लोगों के लिए केवल एक छोटी खुशी हो सकती है जो सत्ता के लिए उनके आसपास इकट्ठा हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के लोगों को बताया है कि कैसे यह पूरा प्रकरण (MVA को गिराना) गड़बड़ा गया।

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MVA के साथ हैं राज्य के लोग –

जयंत पाटिल (jayant patil) ने सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी पर भी बयान दिया, जिसमें शीर्ष अदालत ने कहा था कि पूर्व सीएम अगर इस्तीफा न देते तो उन्नहें बहाल करने का अवसर मिल सकता था। जयंत पाटिल (jayant patil) ने कहा कि, यह साबित करता है कि एससी के दिमाग में क्या है और राज्यपाल ने एमवीए सरकार को गिराने में एक अहम भूमिका निभाई। पाटिल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद भाजपा पूरी तरह से छिन्न-भिन्न हो गई है और राज्य के लोग ”मजबूती से एमवीए के साथ हैं”।

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