लखनऊ: इस साल जानकीपुरम के सेक्टर एफ में दुर्गा पूजा पंडाल में वृन्दावन के प्रेम मंदिर की एक भव्य प्रतिकृति स्थापित की गई है। 47,256 वर्ग फीट में फैली उत्सव संस्था इस पूजा का आयोजन कर रही है, जो एक सामाजिक संस्था है। यह संस्था पिछले 29 सालों से दुर्गा पूजा का आयोजन कर रही है। संस्था ने दावा किया है कि यह दुनिया में सबसे बड़ा दुर्गा पूजा पंडाल होगा।
उत्सव संस्था के महामंत्री राकेश पाण्डे ने बताया कि हर साल दुर्गा पूजन का आयोजन किसी न किसी मंदिर के थीम पर आधारित होता है। महामंत्री राकेश ने बताया कि पिछले वर्ष संस्था ने दुर्गा पूजा वृंदावन का चंद्रोदय मंदिर के थीम पर पंडाल बनाया था। जो विश्व का सबसे ऊंचा पंडाल का रिकॉर्ड बनाने में कामयाब हुआ था। वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की बुक में इसका नाम शामिल किया गया था। संस्था के महामंत्री राकेश ने बताया कि इस बार का दुर्गा पूर्जा पंडाल वृंदावन के प्रेम मंदिर की प्रतिकृति बनाई गई है। हमारा पंडाल अब तक दुनिया में सबसे बड़ा है। वृन्दावन में श्री कृपालुजी महाराज द्वारा स्थापित प्रेम मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं।
52 कारीगारों ने 3 महीनों में बनाया पंडाल
पंडाल का निर्माण लगभग तीन महीने पहले शुरू हुआ था, जिसमें पश्चिम बंगाल के मिदनापुर के 52 श्रमिक और कारीगर इस कार्य को पूरा करने के लिए अथक प्रयास कर रहे थे। इसे लगभग 16,500 बांस के लट्ठों, 2 लाख फीट की लकड़ी की बल्लियों, 9,500 मीटर सफेद सूती कपड़े, चार क्विंटल कीलें, 25,000 टुकड़े थर्माकोल, 23,500 फीट के वॉटरप्रूफ ट्राइपोल और 620 लीटर वेदर कोट पेंट से बनाया गया है।
समिति के सचिव राकेश पांडे ने बताया कि पंडाल 15 अक्टूबर को खुलेगा। परम्परागत कला में माहिर कलाकारों ने यह भव्य पंडाल तैयार किया है। यहां पर जो भी काम हुआ है उसे कारीगरों ने ही पूरा किया है। किसी प्रकार की मशीन का उपयोग नहीं किया गया है। राकेश ने बताया कि इसके बजट के बारे में लोग कई तरह की बात कर रहे हैं लेकिन सच्चाई देखें तो करीब 52 लाख रूपये का खर्चा आया है।
पंडाल में राक्षस राजा महिषासुर का वध करती हुई देवी दुर्गा की मूर्ति स्थापित की गई है। वह बांसुरी लिए हुए भी नजर आएंगी। इसमें भगवान गणेश और कार्तिकेय और देवी लक्ष्मी और सरस्वती की मूर्तियाँ भी होंगी। इसके अलावा, कृष्ण लीलाओं को दर्शाने वाली पांच मूर्तियां भी स्थापित की गईं हैं। सभी मूर्तियां यहीं पर मिदनापुर के कारीगरों को बुलाकर बनवाई गईं हैं।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
राकेश ने बताया कि हमें उम्मीद है इस बार कुल 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। अभी जबकि सिर्फ पंडाल को खोला गया है माता की मूर्ति को नहीं तब ही भारी भीड़ आ रही है। सबसे पहले तो हमारे अपने वालिंटियर रहेंगे जो श्रद्धालुओं को कंट्रोल करने का काम करेंगे। हमने सुरक्षा की दृष्टि से अग्निषमन यंत्रों को रखा है और अपनी पूरी टीम को इन यंत्रों को चलाने का प्रषिक्षण भी दिया है। इसके साथ ही पीएसी व लोकल पुलिस हमारी मदद के लिए उपलब्ध है।
रिपोर्ट- पवन सिंह चौहान
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