Sunday, December 29, 2024
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कोरोना ने छीनी खुशियां, कलेक्टर की मदद से एक बार फिर पटरी पर लौटेगी जिंदगी

कोरबा/जाजंगीर-चांपा: पति के जीवित रहते सुख बाई की जिंदगी में कभी कोई कमी न थी। परिवार में खुशियां ही खुशियां थी। एक दिन कोरोना ने पति को हमेशा के लिए उससे छीन लिया। पति की मौत के बाद तो जैसे सुख बाई (Sukh bai) के जीवन में दुःखों का पहाड़ ही टूट पड़ा। पति ने एक साल पहले ही खेत भी गिरवी रखे थे। घर में बेटे के पास भी कोई रोजगार न था।

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सोमवार को जब सुख बाई (Sukh bai) कलेक्टर जनदर्शन में आई तो वह अपनी समस्या को भी ठीक से बता नहीं पा रही थी। ऐसे में कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने उनकी समस्या को विस्तार से जाना। समस्या का पता लगते ही कलेक्टर ने उसे सुलझाने देर नहीं की। अपनी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए सुखबाई (Sukh bai) को तत्काल ही कोविड-19 अंतर्गत दी जाने वाली 50 हजार की राशि हाथों में दिलवाई। जनदर्शन में कलेक्टर की इस पहल से मानों सुख बाई के जीवन में छाया अंधियारा, उजियारे में तब्दील हो गया।

कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने आज से कलेक्टोरेट में जनदर्शन के माध्यम से आम नागरिकों से प्रत्यक्ष मुलाकात कर उनकी समस्याओं को निराकृत करने की पहल की है। राज्य शासन के मंशानुरूप लोगों के परेशानियों को सुनकर उनकी समस्याओं को सुलझाया जा रहा है। पहले दिन आज जनदर्शन में 86 आवेदन आए। इसी जनदर्शन में ग्राम मुरलीडीह, अकलतरा की सुख बाई गोयल भी अपनी फरियाद लेकर पहुँची थी। उसने बताया कि गत वर्ष कोरोना बीमारी से उनके पति मनोहर लाल का आकस्मिक निधन हो गया। वह हाजिरी मजदूरी कर घर परिवार का खर्च उठाते थे।

सुखबाई (Sukh bai) ने बताया कि उन्हें पति के मौत के बाद कोरोना से मृत आश्रित परिवारों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि 50 हजार भी प्राप्त नहीं हुई है। सुखबाई की यह व्यथा सुनते ही कलेक्टर ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए तत्काल ही अधिकारियों को निर्देशित कर सुख बाई के हाथों में राशि दिलाने में बड़ी पहल की। बेवा सुखबाई ने बताया कि उनके पति ने बेटी की शादी के समय अपनी एक एकड़ खेत 35 हजार में गिरवी रखी थी। अब अनुग्रह राशि 50 हजार की राशि मिलने पर वह कर्ज चुकाकर खेत वापस ले पाएगी। खेत वापस मिलने से फसल बोएगी और परिवार का पालन पोषण ठीक से कर पाएगी।

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