Jamtara: बैंक कर्मचारी की मिलीभगत से साइबर क्राइम की बड़ी घटना, करोड़ों का ट्रांजेक्शन

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रांची: जामताड़ा में आईसीआईसीआई बैंक के एक कर्मचारी की मिलीभगत से साइबर क्राइम की बड़ी घटना को अंजाम दिया गया है. बैंक के छह खातों से 20 दिन में करीब तीन करोड़ का लेनदेन हुआ है। हैरानी की बात यह है कि जिनके खातों से पैसे उड़ाए गए, उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगी। आशंका है कि यह रकम साइबर अपराधियों के किसी संगठित गिरोह की हो सकती है या फिर कालेधन को सफेद करने की साजिश का हिस्सा हो सकती है।

पुलिस ने बैंक के सेल्स मैनेजर गौरव कुमार सिंह और जामताड़ा के फतेहपुर निवासी उज्जवल महथा को गिरफ्तार कर दो दिन पहले जेल भेज दिया. मामले की जांच के दौरान जामताड़ा पुलिस और साइबर क्राइम विंग को जो सुराग मिले हैं, उसके मुताबिक इन खातों में बिहार से भारी मात्रा में कैश ट्रांसफर किया गया था. फिर इन्हें महाराष्ट्र, तेलंगाना समेत अन्य राज्यों के खातों में भेजा गया। मामले में गिरफ्तार दो लोगों के अलावा अब तक जिन अन्य आरोपियों की पहचान हुई है उनमें जामताड़ा के अग्निवेश, फतेहपुर थाना क्षेत्र के भोलू कोल और बिहार के नालंदा के शुभम राज शामिल हैं. तीनों की गिरफ्तारी के लिए कई जगहों पर लगातार छापेमारी चल रही है।

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बताया गया कि उज्जवल महथा नामक व्यक्ति ने क्षेत्र के आठ लोगों को लोन दिलाने के नाम पर आइसीआइसीआइ की जामताड़ा शाखा में चालू खाता खुलवाया. खाताधारकों को बैंक पासबुक, एटीएम, चेकबुक समेत कोई भी कागजात नहीं दिया गया. जिन लोगों के खाते खोले गये उनमें फतेहपुर निवासी होम गार्ड जवान नरसिंह हांसदा भी शामिल हैं. जब नरसिंह हांसदा और संतोष पंडित नाम के खाताधारकों को अचानक उनके खाते से लेनदेन की जानकारी मिली तो वे बैंक पहुंचे और खोजबीन की. इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ. जामताड़ा के पुलिस कप्तान मनोज स्वर्गियारी का कहना है कि जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किये गये हैं, उनमें से कई खाते बाहरी राज्यों के हैं. जांच कर रही पुलिस टीम और टेक्निकल सेल द्वारा हर पहलू पर जांच की जा रही है. जल्द ही पूरे मामले का खुलासा हो सकता है।

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