Friday, October 18, 2024
spot_img
spot_img
spot_img
Homeजम्मू कश्मीरJammu Kashmir: उमर अब्दुल्ला कैबिनेट में विभागों का हुआ बंटवारा, पूर्ण राज्य...

Jammu Kashmir: उमर अब्दुल्ला कैबिनेट में विभागों का हुआ बंटवारा, पूर्ण राज्य का प्रस्ताव पास

Jammu Kashmir , श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला सरकार बनने के बाद उनके मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। केंद्र शासित प्रदेश के 5 मंत्रियों के बीच 24 विभाग बांटे गए हैं। सीएम उमर अब्दुल्ला (CM Omar Abdullah) ने कई महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखा। इसके अलावा मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई पहली कैबिनेट बैठक में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया गया।

विभागों का हुआ बंटवारा

  • सुरेंद्र चौधरी (Deputy CM): इंड्रस्टीज, R&B, माइनिंग, लेबर एंड एम्प्लॉयमेंट और स्किल डेवलपमेंट
  • सकीना इतू: हेल्थ, स्कूल एजुकेशन, हायर एजुकेशन और सोशल वेलफेयर
  • जावेद राणा: जलशक्ति, फॉरेस्ट, ट्राइबल अफेयर्स और एनवायरनमेंट
  • जावेद अहमद डार: रूरल डेवलपमेंट और पंचायती राज, एग्रीकल्चर प्रोडक्शन, कोऑपरेटिव, चुनाव
  • सतीश शर्मा: ट्रांसपोर्ट, साइंस, टेक्नोलॉजी, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, फुड, सिविल सप्लाई एंड कंज्यूमर अफेयर्स, यूथ सर्विस, स्पोर्ट्स और एआरआई एंड ट्रेनिंग

पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की अपील

आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी कैबिनेट की पहली बैठक में जम्मू-कश्मीर मंत्रिमंडल ने केंद्रीय सरकार से राज्य का दर्जा बहाल करने की अपील की। सूत्रों की मानें तो प्रस्ताव का मसौदा तैयार कर लिया गया है और सीएम उमर अब्दुल्ला आने वाले दिनों में दिल्ली आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह मसौदा सौंपेंगे। कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने की, जिसमें उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी और मंत्री सकीना मसूद इटू, जावेद अहमद डार , जावेद अहमद राणा और सतीश शर्मा ने हिस्सा लिया।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भरोसा जताया कि केंद्र सरकार जल्द ही जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करेगी। उन्होंने कहा कि हमने पहले भी इस बारे में बात की है और आज भी सुप्रीम कोर्ट ने दो महीने के भीतर राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई है। मुझे पूरा विश्वास है कि भारत सरकार जल्द ही इसे बहाल करेगी।

ये भी पढ़ेंः- NCB के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े की होगी राजनीति में एंट्री ! लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

सड़कों पर से खत्म होगा वीआईपी कल्चर

जब उनसे पूछा गया कि क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस अनुच्छेद 370 का मुद्दा उठाएगी या विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित करेगी, तो अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें अपनी दलीलें पेश करने के लिए अदालत में वापस आना होगा। लाल चौक का दौरा करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि सड़कों पर कोई वीआईपी संस्कृति नहीं होगी और लोगों को सायरन की आवाज से राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि यहां कोई वीआईपी नहीं है, चाहे वह स्थानीय हो या राजनेता, सभी समान हैं।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर का पूर्व राज्य का दर्जा 2019 में समाप्त कर दिया गया था। 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद, जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया था।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें