श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश के नगरपालिका क्षेत्रों में संपत्ति कर संबंधी अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना में एक अप्रैल से संपत्ति कर लगाने का आदेश जारी किया गया है। अधिसूचना के मुताबिक राज्य में आवासीय संपत्तियों के लिए टैक्स की दरें टैक्सेबल एनुअल वैल्यू (TAV) का 5 प्रतिशत और कॉमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए 6 प्रतिशत होंगी।
इसमें पूजा स्थलों, श्मशान-कब्रिस्तान, नगर पालिका की जमीन, भारत सरकार और जम्मू-कश्मीर सरकार के स्वामित्व वाली संपत्तियों को छूट दी गई है। हालांकि 1000 वर्ग फुट तक के निर्मित क्षेत्र वाले छोटे घरों वाले सभी गरीब, हाशिए पर रहने वाले लोगों को जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा इस साल लगाए जाने वाले किसी भी संपत्ति कर का भुगतान करने से छूट दी गई है।
वहीं जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में 40 फीसदी लोगों को कोई संपत्ति कर नहीं देना होगा। सिन्हा ने सोमवार को यहां एक आधिकारिक समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा कि जम्मू-कश्मीर में निर्धारित संपत्ति कर की राशि देहरादून, अंबाला और शिमला की तुलना में 10 गुना कम है। सिन्हा ने कहा, “दुकानदारों को सालाना मामूली संपत्ति कर देना होगा। लोगों को बेहतर जम्मू-कश्मीर बनाने के लिए आगे आना चाहिए।”
एलजी ने कहा कि जहां 40 प्रतिशत को कोई संपत्ति कर नहीं देना होगा, वहीं शेष 60 प्रतिशत को 600 रुपये से 1000 रुपये प्रति वर्ष के बीच भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 1500 वर्ग फुट से कम क्षेत्र वाले 2,03,680 घर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि व्यावसायिक संपत्तियों के मामले में 100 वर्ग फुट से कम क्षेत्रफल वाली दुकानों को कोई कर नहीं देना होगा। जम्मू-कश्मीर सरकार ने हाल ही में संपत्ति कर लगाने की घोषणा की थी। राजनीतिक, सामाजिक और वाणिज्यिक संगठनों ने इस घोषणा का विरोध किया है और निर्णय को तुरंत वापस लेने की मांग की है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)