Monday, February 24, 2025
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पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह बोले- संस्कृत ग्रंथों से होगी भारत, भारतीय और भारतीयता की रक्षा

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UP News: लखनऊः पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री और वाराणसी के प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह (Jaiveer Singh) ने कहा कि भारत, भारतीयों और भारतीयता की रक्षा संस्कृत ग्रंथों से संभव है। संस्कृत से ही हमारी संस्कृति और मूल्य सुरक्षित रहेंगे। इसी से हमारे चरित्र का निर्माण और संरक्षण होगा। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह (Jaiveer Singh) शुक्रवार को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र का अवलोकन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि ऑनलाइन संस्कृत पाठ्यक्रम के माध्यम से भारतीय ज्ञान राशि वैश्विक मंच पर स्थापित होगी। यह संस्था वेदों में निहित भारतीय ज्ञान का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करेगी, वैश्विक मंच पर लोग भारतीय संस्कृति से परिचित होकर लाभान्वित होंगे। ऑनलाइन माध्यम से जुड़ने से लोगों के कई प्रश्नों एवं विचारों का प्रमाण सहित तत्काल समाधान हो सकेगा। जयवीर सिंह ने कहा कि जब संस्कृत मजबूत होगी तभी हमारी संस्कृति और विरासत सुरक्षित रहेगी। इस संस्था का स्वर्ण युग शुरू होने वाला है।

ऑनलाइन संस्कृत शिक्षण प्रशिक्षण पाठ्यक्रम

पाठ्यक्रम में दस विषयों में ऑनलाइन पाठ्यक्रम संचालित किये जायेंगे। क्रमशः संस्कृत भाषा शिक्षण, अर्चक कर्मकाण्ड, ज्योतिष, वास्तु विज्ञान, व्याकरण, दर्शनशास्त्र, वेदांत, योग, वेदों का संचालन किया जायेगा। इस कोर्स में तीन और छह महीने का सर्टिफिकेट और एक साल का डिप्लोमा कोर्स संचालित किया जाएगा।

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संस्कृति मंत्रालय के 20 लाख के अनुदान से हेरिटेज गैलरी

मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि संस्कृति मंत्रालय से मिले 20 लाख रुपये से हेरिटेज गैलरी और सांस्कृतिक क्लब का विकास किया जाये। इससे नई पीढ़ी को उनके संस्थान, क्षेत्र और व्यक्तित्व के बारे में जानकारी मिल सकेगी। इस दौरान पिंडरा विधायक डॉ.अवधेश सिंह, सैयदराजा विधायक सुशील सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि संस्कृत ग्रंथों के संरक्षण की यह पवित्र भूमि चरित्र निर्माण और राष्ट्रीयता के जागरण का केंद्र है। संस्कृत ग्रंथों के कारण ही हम नई शिक्षा नीति को अनुकरणीय एवं अद्भुत बना पा रहे हैं। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार राकेश कुमार ने अतिथियों का धन्यवाद किया।

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