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जयपुर ब्लास्ट केस: दोषियों को बरी करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची राजस्थान सरकार

Jaipur blast case नई दिल्लीः जयपुर सीरियल ब्लास्ट (jaipur blast case ) मामले में चार दोषियों को बरी करने के राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। 2008 में हुए ब्लास्ट में 71 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 185 लोग घायल हो गए थे। सीरियल ब्लास्ट के पीड़ितों राजेश्वरी देवी और अन्य ने भी 13 अप्रैल को राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। जयपुर में 13 मई, 2008 को हुए सीरियल ब्लास्ट मामले (jaipur blast case ) में ट्रायल कोर्ट ने 18 दिसंबर, 2019 को चार दोषियों को फांसी की सज़ा सुनाई थी। ट्रायल कोर्ट के फैसले को राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने 29 मार्च को दिए आदेश में चार दोषियों को बरी कर दिया था। 2008 में हुए ब्लास्ट में 71 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 185 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में कुल 8 एफआईआर दर्ज की गई थीं। ये भी पढ़ें..बारामूला से लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी सहयोगी गिरफ्तार, IED सहित हथियार और गोला-बारूद बरामद जिस एफआईआर पर हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, वह जयपुर के माणक चौक थाने में दर्ज की गई थी। पूर्वा मुखी हनुमान मंदिर, सांगानेरी गेट के पास हुए विस्फोट में 36 लोग घायल हो गए और 17 लोग मारे गए। धमाके के अगले दिन कुछ समाचार चैनलों को एक ई-मेल भेजा गया, जिसमें आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने इन सिलसिलेवार धमाकों की जिम्मेदारी ली थी। जयपुर ब्लास्ट के ठीक चार महीने के बाद 13 सितंबर, 2008 को दिल्ली के पांच स्थानों पर सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। 19 सितंबर को एक सूचना के आधार पर दिल्ली पुलिस ने जामिया नगर के बाटला हाउस में छापा मारा था। इस दौरान मुठभेड़ में दो आतंकी छोटा साजिद और आतिफ अमन मौके पर ही ढेर हो गए, जबकि दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे। एक आरोपित मोहम्मद सैफ को बाटला हाउस से गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस को दिए बयान में मोहम्मद सैफ ने बताया था कि वो जयपुर बम ब्लास्ट में सक्रिय रूप से भागीदार था। मोहम्मद सैफ ने जयपुर ब्लास्ट के मामले में नौ आरोपियों के नाम बताये थे। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)