सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के खिलाफ जैन समुदाय ने निकाला मौन जुलूस

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खूंटी: जैन धर्मावलंबियों के सबसे पवित्र श्री सम्मेद शिखरजी, पारसनाथ को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में खूंटी के जैन समुदाय के लोगों ने मंगलवार को यहां मौन जुलूस निकाला। साथ ही अनुमंडल पदाधिकारी को पारसनाथ जी को तीर्थ क्षेत्र घोषित करने संबंधी ज्ञापन सौंपा।

मौन जुलूस कर्रा रोड स्थित नवनिर्मित पार्श्वनाथ जैन मंदिर से शुरू होकर अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय तक गई। दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष शेखर चंद अजमेरा और उपाध्यक्ष श्रीमपाल जैन ने कहा कि जैन समाज पूरी तरह से शाकाहारी है। पारसनाथ क्षेत्र भी अभी तक पूरी तरह शाकाहारी क्षेत्र है। जैन धर्मावलंबियों को यह डर है कि पर्यटन क्षेत्र घोषित होने से यहां मांसाहार और शराब परोसी जाएगी, जिससे इस पुण्यभूमि का अस्तित्व ही खत्म हो जायेगा। इस दौरान दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष शेखर चंद अजमेरा, सचिव रमेश जैन, उपाध्यक्ष श्रीपाल जैन, सह सचिव प्रकाश जैन, महिला मंडल की अध्यक्ष सुशीला जैन, सचिव शालू जैन समेत बड़ी संख्या में जैन समुदाय के लोग शामिल थे।

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गिरिडीह में जैन समाज का मौन प्रदर्शन गुरुवार को

जैन समाज के मंत्री लोकेश जैन, महिला समिति की मंत्री मंजू जैन, उप मंत्री धीरज जैन और अजय जैन ने संयुक्त रूप से पत्रकारों से कहा कि जैनधर्म के तीर्थराज सम्मेद शिखर जी, पारसनाथ को पर्यटन क्षेत्र घोषित किये जाने के सरकारी प्रस्ताव से समाज के लोग उद्वेलित हैं। उन्होंने कहा कि हमारी मांग सिर्फ यही है कि तीर्थ क्षेत्र को तीर्थ क्षेत्र रहने दिया जाय। उन्होंने कहा कि सम्मेद शिखर जैन समाज की आत्मा है। तीर्थ क्षेत्र की पवित्रता को बनाए रखने के लिए तत्काल प्रस्ताव वापस लिया जाय। इस मांग को लेकर गुरुवार को गिरिडीह जिला मुख्यालय में मौन प्रदर्शन होगा। इसमें प्रदेश के सभी 26 जिलों के समाज के हजारों महिला और पुरुष भाग लेंगे। प्रदर्शन के बाद गिरिडीह उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया जायेगा।

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