लखनऊः उत्तर प्रदेश के जिला कारागार चित्रकूट में गैंगवार की घटना की जांच के लिए जांच टीम जेल में डेरा डाले हुए। उनकी प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर लापरवाही बरतने पर जिला कारागार अधीक्षक एसपी त्रिपाठी और महेन्द्र पाल कारापाल को दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरु कर दी गयी है।
अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि चित्रकूट की घटना को शासन ने संज्ञान में लेकर पांच घंटे के भीतर महानिदेशक कारागार से इस प्रकरण की रिपोर्ट मांगी थी। जांच के लिए चित्रकूट के मंडलायुक्त डीके सिह, पुलिस महानिरीक्षक के सत्यनारायण और उप महानिरीक्षक कारागार संजीव त्रिपाठी और डीजी जेल के आदेश पर डीआईजी जेेल पीएन पाण्डे चित्रकूट गये थे। उन्होंने अपनी जांच कर प्रथम रिपोर्ट शासन को भेज दी है, जिसके तहत शासन ने जेल अधीक्षक और कारापाल को निलंबित कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि चित्रकूट जिला कारागार में शुक्रवार को बंद दो कैदी गुटों में गैंगवार की घटना सामने आई है। इसमें पूर्वांचल के एक बदमाश अंशु दीक्षित ने बंद मुख्तार अंसारी गैंग के खास गुर्गे मेराज अली व पश्चिम उप्र से आने वाले कुख्यात बदमाश मुकील काला को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद हमलावर बदमाश ने पांच अन्य कैदियों को बंधक बनाकर जान से मारने की धमकी दी जाने लगी, जिसके बाद पुलिस ने उसे मुठभेड़ में मार गिराया।