गुरुग्रामः कोरोना रोधी वैक्सीन लगाने व कोरोना की जांच में यूं तो गुरुग्राम में कई रिकॉर्ड बन चुके हैं। लेकिन कोरोना की वैक्सीन लगवाने को जिस तरह से लोग दिन-रात भटक रहे हैं, वह टीकाकरण अभियान पर सवाल खड़े कर रहे हैं। टोकन सिस्टम शुरू करके लोगों की परेशानी और अधिक बढ़ गई है। क्योंकि लोग रात में ही टोकन लेने को अस्पतालों में पहुंचने को मजबूर हैं।
सरकारी बड़े केंद्रों नागरिक अस्पताल सेक्टर-10, सेक्टर-31 पॉलीक्लीनिक पर वैक्सीन लगवाने वालों की सबसे अधिक भीड़ रहती है। सीमित संख्या में वैक्सीन होने के कारण यहां टोकन सिस्टम शुरू किया हुआ है। टोकन सुबह 7:30 बजे देने शुरू किये जाते हैं, लेकिन टोकन लेने के लिए लोग रात को ही अस्पताल पहुंच जाते हैं। क्योंकि वहां टोकन लेने वालों की लाइन लग जाती है। जब तक टोकन बंटने का समय होता है, तब तक वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या तय डोज से कई गुणा ज्यादा हो जाती है। जिले के नागरिक अस्पताल, पीएचसी, यूपीएचसी, सीएचसी, एसडीएच, पॉलीक्लीनिक में कोरोना रोधी वैक्सीन लगाई जा रही है। हर जगह पर पहली व दूसरी वैक्सीन कम से कम 50-50 व अधिकतम 100-100 डोज भेजी जा रही है। एकाध केंद्र पर दूसरी वैक्सीन की 200 डोज पहुंचाई जाती है। इसमें कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पूतनिक वैक्सीन शामिल है। सबसे अधिक केंद्रों पर कोविशील्ड, उससे कम कोवैक्सीन व सबसे कम यानी सिर्फ एक ही केंद्र पर स्पूतनिक वैक्सीन उपलब्ध होती है। स्पूतनिक वैक्सीन सेक्टर-31 के पॉलीक्लीनिक पर ही लगाई जाती है।
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जिले में पहली डोज की काफी कमी महसूस की जा रही है। 13 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग की ओर से 58 केंद्रों पर वैक्सीन लगाने की बात कही गई। ये सभी सरकारी केंद्र थे। इन 58 केंद्रों में से 19 केंद्रों पर पहली वैक्सीन उपलब्ध ही नहीं थी। दूसरी डोज एक केंद्र पर 150 थी। तीनपर 70, एक पर 50 डोज और बाकी केंद्रों पर 100 डोज उपलब्ध थी। इसी तरह 12 अगस्त को 58 केंद्रों में से 20 पर पहली डोज उपलब्ध नहीं थी। कोरोना वैक्सीन के लिए कुछ पार्षदों, भाजपा के नेताओं ने कैंप भी लगवाए थे। पहली वैक्सीन लोगों को लगाई गई। जैसे ही पहली वैक्सीन की कमी हुई तो ये सब भी पीछे हट गये।
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