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ISRO ने फिर किया बड़ा कमाल, सिंगापुर के 7 सैटेलाइट्स लेकर PSLV-C56 ने भरी उड़ान

 ISRO-PSLV-C56 PSLV-C56 Mission Launch: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) को एक और बड़ी सफलता मिली है। इसरो ने श्रीहरिकोटा केंद्र से आज रविवार सुबह 6:30 बजे PSLV-C56 रॉकेट को अंतरिक्ष का सफल प्रक्षेपण किया गया। यह रॉकेट अपने साथ सिंगापुर के DS-SAR उपग्रह समेत 7 उपग्रहों को लेकर गया है। जिसका वजन 360 किलोग्राम है। दरअसल PSLV-C56 न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड का मिशन है, जो इसरो की कॉमर्शियल ब्रांच है। PSLV-C56 रॉकेट के सफल परीक्षण में अन्य छोटे उपग्रह आर्केड, स्कूब-2, वेलोक्स एएम, गेलेसिया-2, ओआरबी- 12 स्ट्राइडर और नूलियोन शामिल हैं। इससे पहले पीएसलएलवी रॉकेट से अप्रैल में दो उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया था। आज का प्रक्षेपण इसरो का तीसरा कॉमर्शियल मिशन है। इसरो ने मार्च में LVM-3 रॉकेट से ब्रिटेन के वनवेब से संबंधित 36 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया था। ये भी पढ़ें..Chandrayaan-3: इस कंपनी ने पूरा किया ISRO का सपना, 17 महीने से इंजीनियरों को नहीं मिली सैलरी

सभी मौसम में तस्वीरें लेने में सक्षम

डीएस-एसएआर को सिंगापुर की रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी एजेंसी (DSTA) और सिंगापुर की एसटी इंजीनियरिंग के बीच साझेदारी के तहत विकसित किया गया है। इसमें सिंथेटिक एपर्चर रडार (एसएआर) पेलोड भी शामिल है। यह हर मौसम में तस्वीरें लेने में सक्षम है। इसे इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा विकसित किया गया है। वेलॉक्स एएम एक सूक्ष्म उपग्रह है। यह एक वायुमंडलीय युग्मन और डायनेमिक्स एक्सप्लोरर (ARCADE) प्रायोगिक उपग्रह है। स्कूब-2 एक नैनो उपग्रह है। गेलेशिया-2 पृथ्वी की निचली कक्षा में परिक्रमा करेगा। ORB-12 स्ट्राइडर को अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के तहत विकसित किया गया है। वेलॉक्स एएम, आर्केड, स्कब-2 को नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, रिंगापुर द्वारा विकसित किया गया है। न्यूलियन न्यूस्पेस पीटीई लिमिटेड से संबंधित है। जेलेसिया-2 को नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर द्वारा विकसित किया गया है और ओआरबी-12 स्ट्राइडर को अलीएना पीटीई लिमिटेड सिंगापुर द्वारा विकसित किया गया है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)