इजराइल-हमास संघर्ष पर भारत का रुख साफ, आतंकवाद को लेकर कही ये बड़ी बात

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 India stand Israel-Hamas conflict clear thing regarding terrorism

Israeli-Hamas war: भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में जॉर्डन द्वारा पेश किए गए गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव पर मतदान नहीं किया, जिसमें गाजा में ‘शत्रुता की समाप्ति के लिए तत्काल, टिकाऊ और निरंतर मानवीय युद्धविराम’ का आह्वान किया गया था। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इसकी आलोचना की है। सूत्रों का कहना है कि यह फैसला इस बात से प्रेरित है कि आतंकवाद पर कोई गोलमोल बात नहीं हो सकती।

आतंक पर नहीं हो सकती गोलमोल बात

गाजा में इजरायली बलों और हमास आतंकवादियों के बीच संघर्ष विराम का आह्वान करने वाला एक प्रस्ताव शुक्रवार को यूएनजीए द्वारा अपनाया गया। इस पर हुई वोटिंग में भारत ने हिस्सा नहीं लिया। भारत ने जॉर्डन के प्रस्ताव पर कनाडा द्वारा पेश संशोधन के पक्ष में मतदान किया। इसमें इज़राइल पर हमास के आतंकवादी हमले की निंदा की गई। हालाँकि, UNGA में दो-तिहाई वोट की कमी के कारण प्रस्ताव को अपनाया नहीं जा सका। सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के विशेष सत्र में भारत का जोर 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों की स्पष्ट निंदा पर था। ‘प्रस्ताव पर हमारा (भारत का) वोट निर्देशित था। वोट की हमारी व्याख्या इसे व्यापक और समग्र रूप से दोहराती है। आतंक पर कोई गोलमोल बात नहीं हो सकती।

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सूत्रों का कहना है कि भारत तनाव कम करने और गाजा के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने के अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों का स्वागत करता है। इस प्रयास में भारत ने भी योगदान दिया है। हम बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और जारी संघर्ष में नागरिकों की जान की भारी क्षति से बेहद चिंतित हैं। गौरतलब है कि इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत पहले ही अपना रुख साफ कर चुका है। भारत ने हमेशा बातचीत के माध्यम से दो-राष्ट्र समाधान का समर्थन किया है। इसमें इजराइल के साथ शांति से सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर रहने वाले एक संप्रभु और स्वतंत्र फिलिस्तीन की स्थापना शामिल है।

विपक्ष ने सरकार पर बोला हमला

इसे लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, वामपंथी दल और एआईएमआईएम प्रमुख सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। सीपीआईएम और सीपीआई की ओर से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि गाजा में मानवीय संघर्ष विराम के आह्वान पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में मतदान से भारत का अनुपस्थित रहना चौंकाने वाला है। फिलिस्तीन के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए रविवार को सीपीआईएम कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि वह हैरान और शर्मिंदा हैं। भारत ने गाजा में युद्धविराम के लिए मतदान से परहेज किया है। जब मानवता के हर कानून को नष्ट कर दिया गया हो, लाखों लोगों के लिए भोजन, पानी, चिकित्सा आपूर्ति, संचार और बिजली काट दी गई हो और फिलिस्तीन में हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को खत्म किया जा रहा हो, तब स्टैंड लेना, इनकार करना और चुपचाप देखना गलत है। एक राष्ट्र के रूप में हम उन सभी चीज़ों के लिए खड़े हुए हैं जिनके लिए हमारा देश अपने पूरे जीवनकाल में खड़ा रहा है।

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