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हमास और इजराइल पर बंटे इस्लामिक देश, ओआईसी बैठक में खुलकर आए सामने

  यरुशलमः इजराइल पर हमास के हमले को लेकर मुस्लिम देश बंटे हुए नजर आ रहे हैं। ईरान और इराक ने इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक बुलाई है, जबकि संयुक्त अरब अमीरात ने इस मुद्दे पर इजराइल का समर्थन किया है। ईरान ने इजरायली बलों की घुसपैठ और छापे के मद्देनजर फिलिस्तीन की स्थिति पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के एक आपातकालीन सत्र का आह्वान किया है। अपने इंडोनेशियाई समकक्ष जोको विडोडो के साथ टेलीफोन पर बातचीत में, ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कहा कि फिलिस्तीनियों के अधिकारों का समर्थन करना और इज़राइल से लड़ना इस्लामी उम्माह की संरचना में एक अपरिवर्तनीय सिद्धांत है। उन्होंने फ़िलिस्तीन को "इस्लामी दुनिया का धड़कता हुआ दिल" बताया।

एकता को मजबूत करने पर जोर

रायसी ने फिलिस्तीन की मौजूदा स्थिति पर इस्लामिक देशों के 57 सदस्यीय निकाय का आपातकालीन बैठक करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस्लामिक देशों के बीच एकता को मजबूत करने के प्रयासों के लिए ईरान के समर्थन की पुष्टि की और इस बात पर जोर दिया कि इजरायली आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए इस्लामी दुनिया की एकता आवश्यक है। ईरान और इराक के विदेश मंत्रियों ने भी फिलिस्तीन पर एक विशेष ओआईसी सत्र बुलाया है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने सोमवार को कहा कि ईरान ने क्षेत्रीय विकास पर इस्लामिक सहयोग संगठन की आपात बैठक बुलाई है। ईरान ने चेतावनी दी है कि उसकी ओर से कोई भी गलत अनुमान 'विनाशकारी' होगा। यह भी पढ़ेंः-Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में 7 व 17 नवंबर को होगी वोटिंग, 3 दिसबंर को आएंगे नतीजे इस बीच संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) खुलकर इजराइल का समर्थन करने वाला पहला मुस्लिम देश बन गया है। यूएई ने इजरायल पर हमास के हमले को गंभीर बताया है। यूएई के विदेश मंत्री ने एक बयान में कहा कि वह हमास के आतंकियों द्वारा इजरायली नागरिकों का अपहरण और बेरहमी से हत्या करते देख हैरान हैं। यूएई ने फिलिस्तीन से एकतरफा युद्ध रोकने का आह्वान किया। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)