Sunday, January 19, 2025
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आईएसआईएस और ‘अंसार गजवा-वा तुल’ आतंकी संगठनों से है मुर्तजा का कनेक्शन !

murtza

गोरखपुरः गोरखनाथ मंदिर के सुरक्षा कर्मियों पर हमला करने वाले अहमद मुर्तजा को लेकर कई बड़े-बड़े खुलासे हो रहे हैं। अब नया खुलासा हुआ है कि वह आईएसआईएस और ‘अंसार गजवा-वा तुल’ जैसे कई आतंकी संगठनों के सम्पर्क में था।

गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाले मुर्तजा अब्बासी विश्व के कई आतंकी संगठनों से जुड़े होने की साक्ष्य मिले है। उसने लोगों को आतंकी स्लीपर सेल से जोड़ने के लिए एक एप भी बनाया था। तहकीकात और पूछताछ में यह पता चला है कि घटना को अंजाम देने से पहले मुर्तजा ने आठ बार आतंकी अबू हजमा के विडियो को देखा था। इसके अलावा अरब देश में नाटो से गोरिल्ला लड़ाई की वीडियो क्लिप भी मुर्तजा ने सैकड़ों बार देखा था।

वह भारत-नेपाल बॉर्डर के जनपद सिद्धार्थनगर, महराजगंज, जामनगर और मुबंई सहित कई जगहों के मदरसों व मरकज के भी संपर्क में रहा है। खुफिया एजेंसीज ने 31 मार्च को 16 संदिग्धों की एक सूची उप्र पुलिस को भेजी थी, जिसमें अहमद मुर्तजा का भी नाम था। वह एटीएस की रडार पर था।

अब एटीएस उसे लेकर सिद्धार्थनगर और महाराजगंज जा रही है, क्योंकि हमले से पहले वह दो दिन तक सिद्धार्थनगर के बांसी में ही ठहरा था। यहीं से उसने बांका भी खरीदा था, जिससे जवानों पर हमला किया था। इतना ही नहीं, इस मामले की जांच के क्रम में एटीएस की अलग-अलग टीमों ने गोरखपुर के साथ ही कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर और जौनपुर में डेरा डाला हुआ है।

अरबी भाषा की डिवाइस मिली

एटीएस की जांच में मुर्तजा के खिलाफ कई साक्ष्य मिले हैं। करीब आठ मिनट की ये वीडियो क्लिप मुर्तजा के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में अरबी भाषा में अबीद के नाम से पाई गई है। अब तक की जांच में सामने आया है कि मुर्तजा आतंकी संगठनों से जुड़ा स्लीपर सेल हो सकता है। इसी दिशा में एटीएस पहले से काम कर रही है। मुर्तजा खुद एक केमिकल इंजीनियर है। उसने एक ऐप भी डेवलप किया था।

एनआईए ने भी जांच की शुरु

मामले की जांच पूर्वांचल और नेपाल के साथ ही मुबंई, जामनगर और कोयंबटूर तक पहुंच गई है। एटीएस के साथ ही इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अब एनआईए ने भी अपने स्तर से जांच शुरू कर दी है। हमलावर मुर्तजा के लैपटॉप से अब तक टीम को गोरखनाथ मंदिर के नक्शा के अलावा, देश विरोधी वीडियो, कट्टरपंथी जाकिर नाइक के वीडियो के अलावा मजहबी साहित्य मिले। उसके मोबाइल फोन से आतंकी कनेक्शन होने के सबूत हाथ लगे हैं।

21 माह से एटीएस के रडार पर था मुर्तजा

एटीएस की निगाह मुर्तजा पर 21 महीने से थी और वह लगातार उसे ट्रैक कर रही थी। खुफिया एजेंसीज ने 31 मार्च को 16 संदिग्धों की एक सूची यूपी पुलिस को भेजी थी, उसमें अहमद मुर्तजा का भी नाम था। एटीएस, एसटीएफ, आईबी, एनआईए के अलावा पर पांच पुलिस की टीमें में जांच में जुटी हैं।

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