Irani Cup 2024 , लखनऊ: भारतीय घरेलू क्रिकेट की सबसे सफल टीम मुंबई ने ईरानी कप 2024 का खिताब जीत लिया है। मुंबई ने शनिवार को शेष भारत के खिलाफ 15वीं बार ईरानी कप जीतकर अपनी विरासत में एक और ऐतिहासिक अध्याय जोड़ दिया। मुंबई की टीम ने आखिरी बार 1997 में ईरानी कप की ट्रॉपी को जीता था।
अजिंक्य रहाणे की टीम ने शेष भारत पर पहली पारी की बढ़त के आधार पर खिताब जीता और इसी सीजन में रणजी ट्रॉफी-ईरानी कप की रिकॉर्ड दोहरी जीत पूरी की। मुंबई ने सरफराज खान के दोहरे शतक की मदद से पहली पारी में 537 रन बनाए। जबकि शेष भारत अभिमन्यु ईश्वरन की 191 रनों की पारी के बावजूद 416 रन ही बना सका।
काफी रोमांचक रहा मुकाबला
यह मैच काफी रोमांचक रहा जहां रनों का अंबार लगा। मुंबई की जीत का फैसला पांच दिवसीय मैच के आखिरी दिन हुआ, जहां तनुश कोटियन का दूसरी पारी में लगाया गया दूसरा प्रथम श्रेणी शतक निर्णायक साबित हुआ। पहली पारी में 537 रन बनाने के बाद 121 रन की बढ़त के बावजूद, शुक्रवार को मुंबई की टीम 8 विकेट पर 171 रन बनाकर मुश्किल स्थिति में थी, क्योंकि ऑफ स्पिनर सारांश जैन ने पूरी पारी में कहर बरपाया।
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दूसरी पारी में पृथ्वी शॉ ने 76 रन की ठोस पारी खेलकर मुंबई को मैच में बनाए रखा, लेकिन टीम के स्टार बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे (9), श्रेयस अय्यर (8), सरफराज खान (17) और हार्दिक तमोर (7) अच्छी शुरुआत का फायदा उठाने में विफल रहे। हालांकि, निचले क्रम के बल्लेबाज के रूप में आए कोटियन ने धैर्य और संयम दिखाया और मोहित अवस्थी के साथ मिलकर नौवें विकेट के लिए 158 रन की साझेदारी की, जिससे मुंबई मैच में वापस आ गई।
मुंबई ने पहली पारी की बढ़त के आधार पर मिली जीत
कोटियन के नाबाद 114 और अवस्थी के अर्धशतक की मदद से मुंबई ने अपनी बढ़त 450 रन तक पहुंचाई। दूसरे सेशन के आखिर में अवस्थी के अर्धशतक के बाद दोनों टीमों ने हाथ मिलाते हुए मैच को ड्रॉ करार दिया, जिसके बाद मुंबई ने पहली पारी की बढ़त के आधार पर ईरानी कप का खिताब जीत लिया।
15वीं बार विजेता बनी मुंबई
मुंबई ने 15वीं बार ईरानी कप का खिताब जीता है। टूर्नामेंट की शुरुआत 1959-60 में हुई थी। ईरानी कप के पहले तीन सीजन मुंबई ने जीते थे। तब मुंबई बॉम्बे के नाम से खेलती थी। चौथा सीजन शेष भारत ने जीता था। मुंबई की टीम ने आखिरी बार 1997 में ईरानी कप की ट्रॉपी को जीता था। अब तक शेष भारत ने सबसे ज्यादा यानी 30 बार खिताब जीता है। जबकि कर्नाटक की टीम 6 बार चैंपियन रही है।