लखनऊः आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने कोविड-19 के वैक्सीनेशन को लगवाने से इनकार कर दिया है। उन्होंने वैक्सीनेशन के लिए नामित नोडल अफसर डीआईजी वायरलेस एसपी सिंह को पत्र भेज कर कहा है कि यदि वैक्सीनेशन विधिक अथवा प्रशासनिक रूप से बाध्यकारी नहीं है तो वे यह वैक्सीनेशन नहीं करवाना चाहते हैं। अमिताभ ने कहा कि उनकी समझ के अनुसार अभी यह रोग बिलकुल प्राथमिक अवस्था में है।
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने भी कहा है कि कोविड-19 रोग एक नवीन प्रकार के वायरस के कारण होता है। वैज्ञानिक अध्ययन में कहा गया है कि अभी इस वायरस के कम से कम तीन स्वरुप क्रियाशील हैं। अमिताभ ने कहा कि इस रोग के वायरस का स्वरुप पूरी तरह ज्ञात नहीं होने तथा भविष्य में नए प्रकार के वायरस के सामने आने की पूरी सम्भावना है। उन्होंने कहा कि जब इस रोग का प्रकार, स्वरुप, प्रकृति तथा इसके कारक पूरी तरह स्पष्ट एवं स्थायी नहीं दिखते हैं तथा इसके कई नए प्रकार तथा स्वरुप के सामने आने की सम्भावना है तो वे इस कोविड-19 वैरिएंट के लिए प्रभावी वैक्सीन को लगवाना उचित नहीं समझते हैं क्योंकि सम्भव है कि यह वैक्सीन नए कोविड वायरस पर बिल्कुल ही निष्प्रभावी हो।
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अमिताभ ने कहा कि यदि इसके बाद भी वैक्सीन लगवाया जाना बाध्यकारी होगा तो वे इसे अवश्य लगवाएंगे। उधर, राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अजय घई का कहना है कि भारत में बनी कोरोना की वैक्सीन इतनी सुरक्षित और कारगर है कि इसकी मांग लगातार पूरी दुनिया में हो रही है। हमारी वैक्सीन से अभी तक किसी भी तरह के बड़े दुष्प्रभाव की बात सामने नहीं आई है। आज फ्रंटलाइन कर्मियों का टीकाकरण कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। वहीं 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग को भी यह टीका मार्च से लगना शुरू हो जायेगा।