आय से अधिक संपत्ति मामले में घिरे झारखंड के नेता प्रतिपक्ष, बढ़ सकती हैं मुश्किलें

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 Investigation started against Amar Bauri in disproportionate assets case

रांची: आय से अधिक संपत्ति मामले में झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हेमंत सोरेन कैबिनेट के फैसले के मुताबिक एंटी करप्शन ब्यूरो ने बाउरी समेत राज्य की पिछली रघुवर दास सरकार के पांच मंत्रियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। बाउरी रघुवर दास की कैबिनेट में खेल एवं युवा मामलों के मंत्री थे।
आरोप है कि मंत्री रहते हुए उनकी संपत्ति करीब 10 गुना बढ़ गई थी।

एसीबी ने मांगा संपत्तियों का ब्यौरा 

भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में बाउरी को झारखंड में पार्टी विधायक दल का नया नेता चुना है। इसके बाद उन्हें विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता मिल गई है। वह पहली बार विधानसभा के आगामी सत्र की कार्यवाही में नेता प्रतिपक्ष के रूप में भाग लेंगे, लेकिन उससे पहले उनके खिलाफ एसीबी जांच शुरू होने से सत्ता पक्ष की ओर से उन पर मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ सकता है। एसीबी ने राज्य के सभी जिलों के निबंधन कार्यालयों को पत्र लिखकर बाउरी और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर दर्ज जमीन, फ्लैट और अन्य संपत्तियों का ब्योरा मांगा है। एजेंसी बाउरी के अलावा रघुवर दास सरकार में मंत्री रहे नीलकंठ सिंह मुंडा, रणधीर कुमार सिंह, डॉ. नीरा सिंह और डॉ. लुईस मरांडी की संपत्तियों का भी ब्यौरा जुटा रही है।

सीएम ने जांच कराने की दी थी मंजूरी

आपको बता दें कि जुलाई महीने में हेमंत सोरेन कैबिनेट ने पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार के पांच मंत्रियों की संपत्ति में अप्रत्याशित वृद्धि के मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) से कराने के फैसले को मंजूरी दी थी। इस जांच का आधार एक जनहित याचिका है, जो साल 2020 में झारखंड हाई कोर्ट में दायर की गई थी। इसमें पांच तत्कालीन मंत्रियों की संपत्ति की जांच करने की मांग की गई थी। आवेदक पंकज कुमार यादव ने आरोप लगाया था कि बहुत कम समय में मंत्रियों की आय में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इसके सबूत में अपनी संपत्ति के ब्योरे को लेकर चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल हलफनामे का हवाला दिया गया।

सीएम के आदेश पर एसीबी ने पहले की जांच में इन पांचों पूर्व मंत्रियों के पास आय से अधिक संपत्ति होने की पुष्टि की है। जिस जनहित याचिका के दस्तावेजों के आधार पर एसीबी ने इन पूर्व मंत्रियों से जुड़े मामले की प्रारंभिक जांच की थी, उसमें कहा गया है कि वर्ष 2014 में अमर बाउरी की संपत्ति 7.33 लाख रुपये थी। जो 2019 में बढ़कर 89.41 लाख रुपये हो गई। इसी तरह रणधीर कुमार सिंह द्वारा 2014 में घोषित 78.92 लाख रुपये की संपत्ति साल 2019 में बढ़कर 5।06 करोड़ रुपये हो गई। इन पांच वर्षों के दौरान नीरा यादव की संपत्ति 80.59 लाख रुपये से बढ़कर 80.59 लाख रुपये हो गई। 3.65 करोड़, लुईस मरांडी की संपत्ति 2.25 करोड़ से बढ़कर 9.06 करोड़, नीलकंठ सिंह मुंडा की संपत्ति 1.46 करोड़ से बढ़कर 4।35 करोड़ हो गयी। आंकड़ों के मुताबिक इन पूर्व मंत्रियों की संपत्ति महज पांच साल में 200 से 1100 फीसदी तक बढ़ गई थी।

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