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International Tiger Day 2023: अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस कल, जानें क्यों मनाया जाता है यह दिन

international-tiger-day-2023 नई दिल्लीः बाघों को बचाने के लिए जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ संरक्षण दिवस (international tiger day) मनाया जाता है। 20वीं सदी की शुरुआत में जंगलों से 97 प्रतिशत बाघ लुप्त हो चुके थे। इसे पारिस्थितिकी के लिए खतरे की घंटी मानकर वे देश एकजुट हुए, जहां बाघ बहुतायत में पाए जाते थे। अंतरराष्ट्रीय बाघ संरक्षण दिवस (international tiger day) को मनाने की शुरुआत साल 2010 में हुई, दुनिया के 13 देशों ने मिलकर साल 2022 तक बाघों की संख्या 3200 से कम से कम 6 हजार तक बढ़ाने का लक्ष्य तय किया। इस मुहिम में कई संस्थाएं, अधिकारी, सेलिब्रिटीज और सामान्य लोग भी जुड़ गए। इस दिन को मनाने का उद्देश्य बाघों के लिए अनुकूल वातावरण भी तैयार करना है। भारत को बाघों के घर के नाम से भी जाना जाता है। केंद्र सरकार के प्रयासों से देश में बाघों की संख्या पिछले 8 सालों में दोगुनी हो चुकी है। साल 2018 में देश में बाघों की संख्या 2,967 थी, जो विश्व की संख्या का लगभग 75 प्रतिशत था। उल्लेखनीय है कि देश में सबसे ज्यादा बाघ मध्य प्रदेश में पाए जाते हैं। ये भी पढ़ें..हमीरपुर में स्थित इस शिवलिंग का है अद्भुत रहस्य, जलाभिषेक का जल हो जाता है गायब

भारत में बाघों की स्थिति

भारत में साल 2018 में बाघों की संख्या 2967 थी, जो 2022 में बढ़कर 3167 हो गई। देश में वर्तमान में बाघों की केवल 5 प्रजातियां बंगाल टाइगर, इंडोचाइनीज, साइबेरियन, सुमत्रन व मलयन पाई जाती हैं, इनकी संख्या पहले 8 थीं। बाघों को बचाने की दिशा में देश में साल 1973 में ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ शुरू किया गया था। उस समय देश में केवल 8 अभ्यारण्य थे, जो 2022 तक बढ़कर 53 हो गए। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)