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इंटरनेशनल ठग गिरोह का पर्दाफाश, पुलिस ने पांच बदमाशों को किया गिरफ्तार

  नई दिल्ली: सेंट्रल दिल्ली की साइबर पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय ठग गिरोह का भंडाफोड़ कर पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। ठग ऊंचे रिटर्न का लालच देकर भोले-भाले लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करते थे। पुलिस ने इनके पास से 25 मोबाइल, 31 सिम कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासबुक और चेक बुक बरामद किया है।

इंटरनेशनल गिरोह का हिस्सा

जांच में पता चला है कि गिरफ्तार किए गए सभी ठग दुबई और फिलीपींस स्थित एक अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी गिरोह का हिस्सा हैं, जो उनके निर्देश पर भारत में काम कर रहे थे। उनके संपर्क दूसरे देशों में भी हो सकते हैं। गिरफ्तार आरोपी अपने द्वारा खोले गए बैंक खातों को भी कमीशन के आधार पर आगे बढ़ाते थे। पुलिस ने उसके खाते में मौजूद 1 करोड़ 25 लाख रुपये की रकम फ्रीज कर दी है। एडिशनल डीसीपी सचिन शर्मा ने कहा, ''आशीष अग्रवाल नाम के एक शख्स ने नेशनल साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़ित ने बताया था कि उसे व्हाट्सएप पर बहुत सारे मैसेज मिले और उसे टेलीग्राम ऐप पर निवेश करने का लालच दिया गया। उन्हें ऊंचे रिटर्न के बारे में बताया गया, पहले 1000 रुपये निवेश करने पर उन्हें 1100 रुपये का रिटर्न देने का लालच दिया गया। इसके बाद 10000 रुपये निवेश करने पर उन्हें 12000 रुपये का रिटर्न दिया गया। धीरे-धीरे रकम बढ़ती गई , लेकिन एक दिन 30 लाख रुपए बैंक खाते से उड़ा दिए।"

अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करते थे रुपए

पुलिस टीम ने टेक्निकल सर्विलांस, बैंक अकाउंट डिटेल और मोबाइल नंबर की टेक्निकल जांच के आधार पर पता लगाकर इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। आरोपियों ने धोखाधड़ी की रकम 25 अलग-अलग बैंक खातों में जमा कराई थी। जिसके बाद उस रकम को दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता था।

11 फर्जी कंपनियां भी खोलीं

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि उनका करंट अकाउंट यस बैंक में है, जो फर्जी कंपनी के नाम पर खोला गया था। इसे सुहैल अकरम नाम के शख्स ने खोला था। उसके साथ गौरव शर्मा नाम का शख्स भी काम करता था। इन लोगों ने अलग-अलग लोगों को निदेशक नियुक्त कर 11 फर्जी कंपनियां पंजीकृत कराई थीं। तीनों को पुलिस ने मालवीय नगर इलाके से गिरफ्तार किया है। उनके पास से फर्जी स्टांप, अलग-अलग नाम के बैंक खातों के डेबिट कार्ड आदि बरामद हुए हैं। पूछताछ में सभी आरोपियों ने बताया कि वे किराये पर मकान लेकर ठगी करते थे। ये फर्जी दस्तावेजों से कंपनियां और खाते खोलकर धोखाधड़ी करते थे। यह भी पढ़ेंः-Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: शैलेष लोढ़ा ने बताई शो छोड़ने की वजह सुहैल की निशानदेही पर पुलिस ने बलराम को भी गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने आगे बताया कि इस काम में गुरुग्राम का रहने वाला विवेक कुमार भी शामिल है। उसका एक और दोस्त मनीष कुमार भी है। विवेक दुबई और फिलीपींस में रहने वाले ठगों के एक गिरोह के संपर्क में है, जो टेलीग्राम और लिंक्ड इन के जरिए विदेशी ठगों के संपर्क में रहकर भारत में धोखाधड़ी का खेल खेलते हैं। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)