रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश ने बुधवार को पाटन ब्लॉक में चल रहे नरवा प्रोजेक्ट (Narva Project) का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि मानसून में थोड़ा विलंब होने से नरवा प्रोजेक्ट (Narva Project) की अंतिम फिनिशिंग के लिए कुछ और समय मिल जाएगा। इस भूमि में जहां हम खड़े हैं वहां पर मुरुम की मिट्टी है, जिसमें तेजी से पानी का बहाव हो जाता है, इसलिए कुछ-कुछ दूरी पर स्ट्रक्चर बनाना जरूरी होता है। उन्होंने मौके पर ही प्रोजेक्ट का विवरण देखकर अधिकारियों से कहा कि बारिश की हर बूंद कीमती है, नरवा प्रोजेक्ट्स (Narva Project) की बारीक मॉनिटरिंग करें। इस अवसर पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर भी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री ने ग्राम खुड़मुड़ी अंतर्गत रूही से उफरा नाला (7.3 किलोमीटर, लागत 95.96 लाख) में बनाए जा रहे चेक डैम का अवलोकन किया। इस चेक डैम के बनने से करीब 70 एकड़ रकबे में सिंचाई क्षमता बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग-अलग भूमि की जरूरत के दृष्टिकोण से अलग तरह के स्ट्रक्चर लगते हैं। अभी तक जिन नरवा प्रोजेक्ट्स पर काम पूरा हो गया है। वहां लोग दो फसल लेने लगे हैं। इस बार जो प्रोजेक्ट पूरे होंगे, वहां रबी के लिए बड़ी मदद मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बारी के तहत सिंचाई रकबा को बढ़ाने और भू-जल स्रोत को अनुकूल बनाए रखने के लिए नाला बंधान का कार्य किया जा रहा है। पाटन विकासखंड अंतर्गत 98 ग्राम पंचायतों को नरवा संवर्धन के लिए शामिल किया गया है। इसके तहत 180.53 किलोमीटर लंबाई के 74 नरवा के संवर्धन का कार्य किया जा रहा है। पाटन विकासखंड क्षेत्र के कुल कैचमेंट एरिया 90,445.81 हेक्टेयर क्षेत्रफल के लिए 26 डीपीआर बनाया गया है। इस कार्य के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रोजेक्ट्स तय समय पर पूरा करने के निर्देश दिए।
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