भारतीय नौसेना ने श्रीलंका में डूबे सिंगापुर के जहाज का खोजा मलबा

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नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के हाइड्रोग्राफिक जहाज सर्वेक्षक ने श्रीलंका के समुद्री तट पर डूबे सिंगापुर के कंटेनर जहाज एमवी एक्स-प्रेस पर्ल का मलबा पानी की गहराई में खोज लिया है। आसपास सर्वेक्षण का काम पूरा करके नौसेना के अधिकारियों ने 02 जुलाई को श्रीलंकाई अधिकारियों को सर्वेक्षण के आंकड़े सौंप दिए हैं। साइड स्कैन सोनार सहित अत्याधुनिक सर्वेक्षण उपकरणों से लैस इस जहाज को श्रीलंका सरकार के अनुरोध पर 25 जून को तैनात किया गया था। अब कोलम्बो तट पर डूबे जहाज का मलबा निकालने का काम शुरू किया जायेगा।

सिंगापुर के कंटेनर जहाज एमवी एक्स-प्रेस पर्ल में कोलम्बो बंदरगाह से लगभग 9 समुद्री मील की दूरी पर उस समय आग लग गई थी जब वह कतर और दुबई से 15 मई को 1,486 कंटेनर लोड करके अपने देश वापस जा रहा था। श्रीलंकाई नौसेना के मदद मांगने पर भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने 26 मई को आग बुझाने के लिए अपने जहाज ‘वैभव’ और ‘वज्र’ कोलंबो भेजे। आग से घिरे जहाज पर दोनों ओर से लगातार एएफएफएफ घोल और समुद्री पानी का छिड़काव किया गया। इसके बावजूद एमवी एक्स-प्रेस पर्ल सैकड़ों टन रसायनों और प्लास्टिक के साथ 13 दिनों तक जलता रहा। आखिरकार 01 जून को जहाज की आग पूरी तरह से बुझाने में कामयाबी मिली। 13 दिनों तक जलते रहने के बाद आग बुझने के 24 घंटे के भीतर सिंगापुर का कंटेनर जहाज 02 जून को श्रीलंका तट पर डूब गया था।

मलबे के आसपास सर्वेक्षण अभियान चलाने के लिए श्रीलंका सरकार ने भारत से अनुरोध किया जिस पर भारतीय नौसेना का हाइड्रोग्राफिक जहाज आईएनएस सर्वेक्षक भेजा गया। मलबे के आसपास के तीन खोजबीन क्षेत्रों में सर्वेक्षण अभियान श्रीलंकाई नौसेना और श्रीलंका की राष्ट्रीय जलीय संसाधन अनुसंधान और विकास एजेंसी (नारा) के समन्वय से चलाया गया। जहाज ने साइड स्कैन सोनार सर्वेक्षण के दौरान कुल 807 मील की दूरी तय की और पानी के अंदर एमवी एक्स-प्रेस पर्ल के मुख्य मलबे और एक अतिरिक्त अज्ञात मलबे की भी पहचान की। मलबे वाले क्षेत्र का सर्वेक्षण पूरा होने के बाद अब नाविकों और मछुआरों दोनों को परामर्श जारी किया जायेगा जिसके बाद श्रीलंकाई प्राधिकारियों को मलबा हटाने में आसानी होगी। साथ ही कोलम्बो बंदरगाह से संचालित समुद्री यातायात के लिए नौवहन की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

आईएनएस सर्वेक्षक कोच्चि में दक्षिणी नौसेना कमान के अंतर्गत आने वाला जहाज है। इसमें डीप सी मल्टीबीम इको साउंडर सिस्टम, साइड स्कैन सोनार, साउंड वेलोसिटी प्रोफाइलर्स, पूरी तरह से स्वचालित डिजिटल सर्वेक्षण और प्रसंस्करण प्रणाली जैसे अत्याधुनिक सर्वेक्षण उपकरण लगे हुए हैं। इसके अलावा जहाज में चेतक हेलीकॉप्टर होता है जिसे हवाई टोह के लिए सर्वेक्षण के दौरान बड़े पैमाने पर तैनात किया गया था।

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इससे पहले आईएनएस सर्वेक्षक ने श्रीलंका, मॉरीशस, सेशेल्स, तंज़ानिया और केन्या में विदेशी सहयोग सर्वेक्षण भी किए हैं। भारत और श्रीलंका के बीच एक मजबूत संबंध एवं साझेदारी है और दोनों देशों के बीच सहयोग और समझ को मजबूत करने और साझा मूल्यों को मजबूत बनाने में शुरू किया गया यह सर्वेक्षण अभियान एक और मील का पत्थर रहा है।