Tuesday, November 26, 2024
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बांग्लादेशी आतंकी संगठन के भारतीय माड्यूल का खुलासा, आठ आतंकी UP ATS के चढ़े हत्थे

लखनऊ: आतंकवादी गतिविधियों के रोकथाम के लिए चलाए जा रहे अभियान के दौरान यूपी पुलिस को सूचना मिली कि आतंकी संगठन अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेट (एक्यूआईएस) या अलकायदा बर-ए-सगौर तथा सहयागी आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बंग्लादेश (जेएमबी) विगत कई वर्षों से भारतीय उपमहाद्वीप विशेष रूप से भारत एवं बांग्लादेश में गजवा-ए-हिन्द के उद्देश्य को पूरा करने के लिए अपने आपकी नेटवर्क को बड़ा रहा है। इसके लिए इन आतंकी संगठनों ने भारत में अवैध घुसपैठ कर अपने मकसद को पूरा करने की नाकाम कोशिश शुरू कर चुके हैं।

इन आतंकी संगठनों ने सबसे पहले बांग्लादेश की सीमा से लगे राज्य जैसे पश्चिम बंगाल, असम आदि में कट्टरपंथी विचारधारा वाले व्यक्तियों को खोजकर अपने संगठन से जोड़ा और धीरे-धीरे अपनी पैठ बनाकर वहाँ के मदरसों में अपनी जड़े मजबूत की। उसके पश्चात् उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश (भोपाल) तथा उत्तराखण्ड (सलेमपुर, ज्वालापुर जनपद हरिद्वार में कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोगों को जोड़ा। इसके साथ ही जकात-हदिया-इमदाद के नाम पर टेरर फंड जुटाते हैं।

लोगों को जोड़ने के लिए खास किस्म का एप का इस्तेमाल –

ये बांग्लादेशी आतंकी भारत में अपना नाम बदल कर खूफिया तौर पर रहते हैं। इन आतंकियों का साॅफ्ट टारगेट कट्टरपंथी विचारधारा के व्यक्ति होते हैं। ये आतंकी इन लोगों को जिहाद की दावत देकर अपने आतंकी संगठनों से जोड़ते हैं। इसके अलावा यह बांग्लादेशी आतंकी पुलिस एवं अन्य सुरक्षा एजेन्सियों से बचने के लिये कुछ खास मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करते हैं। अपने संगठन में जुड़ने वाले नये लोगों को इन ऐप और अपने बातचीत करने के कोड का भी प्रशिक्षण देते हैं।

मॉड्यूल का उत्तर-प्रदेश व उत्तराखण्ड कनेक्शन –

यूपी एटीएस द्वारा सहयोगी एजेंसियों एवं स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर उक्त आतंकी नेटवर्क के विरुद्ध चलाये गये ऑपरेशन में सफलता प्राप्त की गयी है, जिसमें निम्न गिरफ्तारियां की गयी हैं।

लुकमान ने आंतकी को 11 माह दी शरण –

इस मामले में सबसे पहले लुकमान पुत्र इमरान निवासी संदना गमगडी सहारनपुर (उ.प्र.) को यूपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार किया गया। मिली जानकारी के अनुसार लुकमान को अलीम निवासी गागलहेड़ी ने अहसान (बांग्लादेषी) व मुफक्किर (बांग्लादेषी) से मिलवाया। इन्होंने लुकमान को अपने आतंकी संगठन से जोड़ा और उसके मदरसे दारे अरकम, सय्यद मजरा गागलहेड़ी में अपना ठिकाना बनाया। लुकमान ने आतंकी अब्दुल तल्हा (बांग्लादेशी) को अपने यहाँ 11 माह शरण दी तथा मदरसा शिक्षक के रूप में पैसा (टेरर फंडिंग) दिया। लुकमान के पास से चार जिहादी किताबें, आतंकी कन्टेन्ट से भरी एक पेन ड्राइव व मेमोरी कार्ड और दो मोबाइल बरामद हुआ है।

बम बनाने का आरोपी है शहजाद –

इसके अलावा यूपी एटीएस ने यूपी के शामली निवासी शहजाद को आंतकियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह आतंकी पिछले वर्ष सितम्बर 2021 में शामली बम कांड मामले में बम बनाने के आरोप में गिरफ्तार हुआ था। यह अहसान (बांग्लादेषी), लुकमान व कारी मुख्तार के साथ भोपाल स्थित ठिकाने पर छिप कर रह रहा था। गिरफ्तारी के समय शहजाद के पास से एक मोबाइल बरामद हुआ है। इसके साथ ही एटीएस ने आतंकी अहसान, मुफक्किर, लुकमान, अलीम व शहजाद की मदद के आरोप में सहारनपुर निवासी आतंकी कारी मुख्तार को यूएपीए एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है। कारी के पास से एक मोबाइल बरामद किया गया।

कारी मुख्तार पर मदद करने का आरोप –

कारी मुख्तार निवासी मनोहरपुर, सहारनपुर को भी यूपी एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है। कारी मुख्तार पर आरोप है कि अहसान, मुफक्किर, लुकमान, अलीम व शहजाद की मदद करने का आरोप है। इसके पास से एटीएस को एक मोबाइल बरामद हुआ है।

आतंकियों को शरण देने वाला मुदस्सिर भी गिरफ्तार –

मुदस्सिर पुत्र अबदुर्रहमान निवासी नगला इमरती, जिला हरिद्वार, उत्तराखण्ड को यूपी एटीएस द्वारा कामिल व अलीनूर (बांग्लादेशी) के साथ रूपैडीहा (नेपाल बॉर्डर) से गिरफ्तार किया गया। मुदस्सिर ने तल्हा (बांग्लादेशी) व अलीनूर (बांग्लादेशी) को सलेमपुर, हरिद्वार में शरण दी थी। तल्हा ने मुदस्सिर को आतंकी कामों के लिए रू. 80,000 दिये। इस गिरफ्तारी में दो मोबाइल व एक पेन ड्राइव बरामद किया गया।

कामिल ने दिलाया था किराए का घर –

कामिल पुत्र यासीन निवासी ग्राम जाहीरपुर थाना देवबंद सहारनपुर, हाल पता दादोपुर, सलेमपुर थाना रानीपुर, जिला हरिद्वार को मुदस्सिर के साथ यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया। यह अलीनूर (बांग्लादेशी) व तल्हा (बांग्लादेशी) को सलेमपुर में अपनी जान-पहचान का उपयोग कर किराये का घर दिलाया। जहां से इन आतंकियों ने अपनी गैरकानूनी गतिविधियांे को अंजाम दिया। कामिल के एकाउन्ट में अब्दुल्ला तल्हा (बांग्लादेशी) ने टेरर फंडिंग के लिए रू. 2,50,000 मंगवाया। कामिल के पास से 02 मोबाइल बरामद किए गए।

बांग्लादेशी अलीनूर मदरसे में बना शिक्षक –

अलीनूर (बांग्लादेशी) उर्फ जहांगीर मंडल उर्फ इनामुलहक (भारत में छद्म नाम) को यूपी एटीएस ने मुदस्सिर व कामिल के साथ गिरफ्तार किया गया। यह पहले बांग्लादेशी आतंकियों के साथ पानखीउड़ा मदरसे, ग्वालपाड़ा, असम में शिक्षक के रूप में रहा। बाद में यह आतंकी तल्हा (बांग्लादेशी) मुदस्सिर व कामिल की मदद से सलेमपुर (हरिद्वार) में छिपकर रह रहा था।

आतंकियों के बहकावे में आए नवाजिश-अलीम –

नवाजिश अंसारी निवासी गिरिडीह (झारखण्ड) को यूपी एटीएस ने सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया। नवाजिश को अकील शेख (एनआईए भोपाल द्वारा पूर्व से गिरफ्तार) ने आतंकी तंजीम का सक्रिय सदस्य बनाया। इसके पास से एक पेन ड्राइव बरामद हुई है। इसके साथ ही मोहम्मद अलीम निवासी कैलाशपुर थाना गागलहेडी, जनपद सहारनपुर को गिरफ्तार किया गया अहसान (बांग्लादेशी) ने अलीम को आतंकी तंजीम का सक्रिय सदस्य बनाया। अलीम ने आतंकी अहसान (बांग्लादेशी) को लुकमान, शहजाद व कारी मुख्तार से मिलवाया।

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बांग्लादेशी मॉड्यूल से जुड़े शीर्ष आतंकियों एवं उसके भारतीय साथियों का विवरण –

अब्दुल्ला तल्हा उर्फ मुफ्ती हुसैन: मिली जानकारी के अनुसार यह बांग्लादेश के अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेट (एक्यूआईएस) और जमात-उल-मुजाहिदीन बंग्लादेश (जेएमबी) से जुड़ा शीर्ष कमांडर स्तर का आतंकी है। अब्दुल्ला तल्हा भारत में अपने आतंकी संगठन को मजबूत करने की नापाक कोषिष कर रहा था। इसके लिए सबसे पहले अब्दुल्ला तल्हा ने भारतीय सीमा से अवैध रूप से घुसपैठकर अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना शुरू किया। इस दौरान अब्दुल्ला तल्हा ने भारतीय क्षेत्र में अधिक से अधिक कट्टर विचारधारा के व्यक्तियों को धार्मिक आधार पर जोड़ने का काम किया। तल्हा इन्हीं अपराधों के चलते एनआईए-भोपाल तथा एसटीएफ पष्चिम बंगाल के द्वारा इन्ही कारणों से यूएपीए के अभियोगों में वांछित चल रहा है। इसके अलावा एटीएस के द्वारा तल्हा के खिलाफ यूपी की राजधानी लखनऊ में भी एक मुकदमा दर्ज है।

अहसानः यह आतंकी एनआईए द्वारा भोपाल में पंजीकृत अभियोग में 14 मार्च 2022 को यूएपीए एक्ट में गिरफ्तार है। भारत में जहूरूद्दीन उर्फ मिलाॅन पठान उर्फ सईम उर्फ इब्राहिम जैसे नामों का उपयोग करता रहा है। मिली जानकारी के अनुसार इसका असली नाम ओली उल्लाह मिलाॅन है। जो बांग्लादेश के गोपालगंज का रहने वाला है। यह आतंकी प्रमुख रूप से अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेट (एक्यूआईएस) और जमात-उल-मुजाहिदीन बंग्लादेश (जेएमबी) के लिए आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है। यह आतंकी अंसारूल इस्लाम, लुकमान, शहजद, अलीम कारी मुख्तार का पहला जेहादी ट्रेनर भी रह चुका है।

मुफक्किर उर्फ सामिद अली मियां : मुफक्किर आतंकी संगठन अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेट (एक्यूआईएस) और जमात-उल-मुजाहिदीन बंग्लादेश का प्रमुख सदस्य रहा है। मुफक्किर को असफल इस्लाम उर्फ अहसान के भोपाल जाने के बाद लुकमान, शहजाद, अलीम, कारी मुख्तार व मुदस्सिर का जिहादी ट्रेनर बनने का मौका मिला।

अकील अहमद शेख उर्फ अहमद : यह आतंकी प्रमुख रूप से अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेट (एक्यूआईएस) और जमात-उल-मुजाहिदीन बंग्लादेश (जेएमबी) के लिए भारत में सक्रिय रहा है। इसके अलावा कई आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है। यह आतंकी बिहार के कटिहार का रहने वाला है। एनआईए द्वारा भोपाल में पंजीकृत अभियोग में 14 मार्च 2022 को यूएपीए एक्ट में अहसान के साथ गिरफ्तार किया गया है।

  • पवन सिंह चौहान की रिपोर्ट

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