भारत को मिला पहला Aircraft C-295, बढ़ेगी वायुसेना की ताकत, जानें खासियत

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Aircraft C-295

नई दिल्लीः भारतीय वायु सेना का पहला C-295 (Aircraft C-295) परिवहन विमान बुधवार शाम करीब 05 बजे वडोदरा के वायु सेना स्टेशन पर उतरा। ग्रुप कैप्टन पीएस नेगी इस विमान को फ्रांस से मिस्र और बहरीन के रास्ते उड़ाकर भारत लाए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 25 सितंबर को हिंडन एयरबेस पर विमान को औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना के परिवहन बेड़े में शामिल करेंगे।

भारतीय वायु सेना के लिए स्पेन में विकसित पहला C-295 (Aircraft C-295) सैन्य परिवहन विमान एयरबस कंपनी द्वारा 13 सितंबर को स्पेन के सेविले में भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी को सौंप दिया गया। C-295 विमान की चाबियाँ प्राप्त करने के बाद वायुसेना प्रमुख ने स्वयं उसी दिन स्पेन में विमान उड़ाकर इसकी क्षमता का परीक्षण किया। एक सप्ताह पहले स्पेन में वायु सेना को सौंपा गया सी-295 परिवहन विमान वायु सेना स्टेशन वडोदरा में उतर गया है। वायुसेना के ग्रुप कैप्टन पीएस नेगी ने इस विमान को फ्रांस से मिस्र और बहरीन के रास्ते भारत तक उड़ाया है।

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पिछले साल हुआ था सौदा

पिछले साल 24 सितंबर को फ्रांसीसी कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ 56 सी-295 सैन्य परिवहन विमान के सौदे को अंतिम रूप दिया गया था। इस डील के तहत इस पहले विमान का निर्माण स्पेन में ही किया गया है। समझौते के अनुसार, कंपनी को 16 विमानों का निर्माण स्पेन में करना है और उन्हें ‘फ्लाइंग मोड’ में भारत में आपूर्ति करना है, जबकि अन्य 40 विमानों का निर्माण टाटा कंसोर्टियम द्वारा दस वर्षों के भीतर भारत में किया जाएगा। भारत को पहला विमान मिलने के साथ ही ‘उड़ान मोड’ में अन्य 15 विमानों की आपूर्ति का रास्ता साफ हो गया है।

जानें Aircraft C-295 की खासियत

विमान को दो लोग उड़ाते हैं और इसमें 73 सैनिकों या 48 पैराट्रूपर्स या 12 स्ट्रेचर गहन देखभाल मेडवैक या 4 मेडिकल अटेंडेंट के साथ 27 स्ट्रेचर मेडेवैक ले जाने की क्षमता है। यह अधिकतम 9250 किलोग्राम तक वजन उठा सकता है। इसकी अधिकतम गति 482 किलोमीटर प्रति घंटा है और यह अधिकतम 13,533 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है। इसे उड़ान भरने के लिए 844 मीटर से 934 मीटर लंबे रनवे और लैंडिंग के लिए केवल 420 मीटर लंबे रनवे की आवश्यकता होती है। हथियार स्थापित करने के लिए छह कठिन बिंदु हैं। यानी दोनों विंग्स के नीचे हथियार और डिफेंस सिस्टम लगाने के लिए तीन-तीन जगह हैं, जिनमें 800 किलो हथियार लगाए जा सकते हैं।

टाटा कंसोर्टियम वडोदरा में एक फैक्ट्री का कर रहा निर्माण

टाटा कंसोर्टियम भारत में 40 विमानों के निर्माण के लिए वडोदरा में एक फैक्ट्री का निर्माण कर रहा है, जिसे 2026 तक बनाया जाएगा। टाटा ने पिछले साल नवंबर से 40 C295 विमानों के लिए धातु काटने का काम शुरू किया है। हैदराबाद फिलहाल इसकी मुख्य संविधान सभा है, जहां इसके कई हिस्से बनेंगे। हैदराबाद सुविधा विमान के प्रमुख हिस्सों का निर्माण करेगी। इसके बाद इसे वडोदरा भेजा जाएगा, जहां इंजन और इलेक्ट्रॉनिक्स सेट लगाकर सी-295 विमान को अंतिम रूप दिया जाएगा।

भारतीय वायु सेना के लिए परिवहन विमान बहुत महत्वपूर्ण हैं, ताकि सैनिकों, हथियारों, ईंधन और हार्डवेयर को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जा सके। ये विमान भारतीय वायुसेना के पुराने एचएस इरोज विमानों की जगह लेंगे। इसके अलावा यूक्रेन से आए एंटोनोव एएन-32 को बदला जाएगा।

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