नई दिल्ली: भारत और सिंगापुर (India-Singapore) ने उभरते और दूरंदेशी क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने के अपने संकल्प को दोहराया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में चार केंद्रीय मंत्रियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को सिंगापुर में आयोजित भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज (ISMR) सम्मेलन के तहत पहचाने गए छह स्तंभों पर चर्चा की। दूसरे ISMR में सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उप प्रधान मंत्री गान किम योंग ने किया।
कई भारतीय मंत्रियों ने बैठक में लिया हिस्सा
ISMR भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक नया एजेंडा निर्धारित करने के लिए स्थापित एक अनूठा तंत्र है। इसकी पहली बैठक सितंबर 2022 में नई दिल्ली में हुई थी। वित्त मंत्रालय ने ‘एक्स’ पोस्ट पर जारी एक बयान में कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में भारतीय मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल चार भारतीय कैबिनेट मंत्रियों ने इस बैठक में भाग लिया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ भारतीय प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री एस जयशंकर, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी शामिल थे।
कई क्षेत्रों में करेंगे एक दूसरे को सहयोग
सिंगापुर प्रतिनिधिमंडल में उप प्रधानमंत्री गान किम योंग के साथ व्यापार एवं उद्योग मंत्री गान की म्योंग, विदेश मंत्री विवियन बाला, गृह एवं कानून मंत्री, जनशक्ति मंत्री एवं व्यापार एवं उद्योग के द्वितीय मंत्री तान सी लेंग, परिवहन मंत्री एवं वित्त मंत्री ची होंग टाट तथा डिजिटल विकास एवं सूचना मंत्री एवं गृह मामलों के द्वितीय मंत्री शामिल थे। इस बैठक में दोनों देशों के नेताओं ने उभरते एवं भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में भारत और सिंगापुर के बीच सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर जोर दिया। इसके अलावा बैठक में दोनों पक्षों ने ISMR के तहत पहचाने गए छह स्तंभों पर चर्चा की। इनमें डिजिटलीकरण, कौशल विकास, स्थिरता, स्वास्थ्य सेवा एवं चिकित्सा, उन्नत विनिर्माण और कनेक्टिविटी शामिल हैं।
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मंत्रालय के अनुसार दोनों देशों के नेताओं ने भारत और सिंगापुर के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मनाने की योजनाओं के साथ-साथ आसियान और जी-20 सहित क्षेत्रीय एवं वैश्विक सहयोग पर भी चर्चा की। सिंगापुर में आयोजित भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज (ISMR) शिखर सम्मेलन में पहले दौर की चर्चा के परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कौशल विकास, डिजिटल सहयोग और सेमीकंडक्टर परिदृश्य सहयोग पर समझौता ज्ञापनों पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर किए गए।
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