नई दिल्ली: भारत ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना जकीउर रहमान लखवी को पाकिस्तान की एक अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने को महज दिखावा बताया है। भारत का कहना है कि आतंकवाद विरोधी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की बैठक के ठीक पहले पड़ोसी देश खुद को कार्रवाई से बचाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाता है।
पाकिस्तान की एक अदालत ने लखवी को 15 साल की सजा सुनाई है। लखवी संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की फरवरी महीने में बैठक होनी है। बैठक के मद्देनजर पाकिस्तान ने यह दिखावा किया है कि वह इस संस्था के निर्देशों पर अमल कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को उसकी ओर से जारी निर्देशों का पालन करने के लिए फरवरी महीने तक की मोहलत दी है। पाकिस्तान यदि इन निर्देशों पर पूरी तरह अमल नहीं करता है तो उसे काली सूची में डाला जा सकता है।।
प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों और उनकी संस्थाओं को प्रतिबंधित किया है। यह अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की जिम्मेदारी है कि वह पाकिस्तान को उसकी हरकतों के लिए जवाबदेह ठहराए तथा आतंकी गुटों के खिलाफ विश्वसनीय कार्रवाई करने के लिए उसपर दवाब डाले। पाकिस्तान को उसकी सरजमीं पर जारी आतंकी ढांचा खत्म करने के लिए भी बाध्य किया जाना चाहिए। प्रवक्ता ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक शिया हजारा समुदाय पर हुए आतंकी हमले की भी निंदा की है।